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    4g

    भारत वैसे तो डिजिटल हो रहा है लेकिन आज भी मोबाइल फोन पर हाई स्पीड इंटरनेट देश के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। भारत में 4जी डाउनलोडिंग स्पीड बेहद धीमी है। मोबाइल एनालिटिक्स कंपनी ओपन सिग्नल द्वारा तैयार की गई सूची के मुताबिक भारत में 4जी की डाउनलोड की गति धीमी है, जिसमें 88 देशों के छह महाद्वीप शामिल है। देश में वैसे तो 4जी बहुत गति से विस्तार कर रहा है।

    औसतन रूप से भारत में 4 जी की गति 6 एमबीपीएस की है। जबकि पड़ोसी देशों में 14 एमबीपीएस की दोगुनी गति से इंटरनेट की सुविधा है। अल्जीरिया 9 एमबीपीएस पर दूसरे स्थान पर है।

    सबसे तेज 44 एमबीपीएस की स्पीड तेज डाउनलोडिंग के साथ सिंगापुर में उपलब्ध है। इसके बाद 42 एमबीपीएस के साथ नीदरलैंड दूसरे स्थान पर है। ओपन सिग्नल ने छह महाद्वीपों में 38 लाख से अधिक स्मार्टफोन और टैबलेट उपयोगकर्ताओं पर इसका विश्लेषण किया है।

    यद्यपि 4 जी स्पीड का इंटरनेट करीब 86% लोगों तक पहुंचता है, लेकिन 4 जी नेटवर्क 3 जी से ज्यादा तेजी से इंटरनेट डाउनलोडिंग स्पीड नहीं देता है। भारत में दूरसंचार कंपनियों ग्राहकों की मांग के अनुसार उन्हें सही स्पीड नहीं उपलब्ध करवा रही है। बल्कि ये खुद के लाभ में विस्तार कर रही है।

    रिलायंस जियो इस वक्त जरूर 4 जी स्पीड में अन्य कंपनियों को मात दे रही है। अन्य कंपनियां भी 4 जी स्पीड पैक दे रही है। औसतन रूप से भारत में अन्य देशों की तुलना में 4 जी डाउनलोडिंग की गति काफी धीमी है। मोबाइल यूजर बडी संख्या में शिकायत दर्ज करवाते है कि इंटरनेट अक्सर बहुत धीमी गति से चलता है और कई मामलों में बफरिंग भी ज्यादा होती है।

    सरकार ने धीमी गति के बावजूद विभिन्न प्रकार की सेवाओं को ऑनलाइन शुरू करना शुरू कर दिया है और डिजिटल भुगतान को एक बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाया है।

    दूरसंचार सचिव अरुण सुंदरराजन ने कहा है कि देश के कई हिस्सों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं द्वारा धीमी इंटरनेट की गति के बारे में सरकार ध्यान दे रही है। भारत में कंपनियों द्वारा आयोजित औसत स्पेक्ट्रम लगभग 26 मेगाहर्टज है, जबकि शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में 50 मेगाहर्टज है।

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