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    2011 विश्वकप

    8 साल पहले आज ही के दिन, गौतम गंभीर और एमएस धोनी ने अपनी शानदार पारियो की बदौलत भारतीय टीम को मुंबई के वानखेड़े क्रिकेट स्टेडियम में 2011 विश्वकप का खिताब जितवाया था।

    भारत और श्रीलंका की टीम इससे पहले 10बार विश्वकप में भिड़ चुके थे लेकिन वह कभी टूर्नामेंट के इस चरण में एक दूसरे के आमने-सामने नही आए थे। भारत ने विश्वकप के फाइनल में 6 विकेट से जीत दर्ज की थी और एक से अधिक बार विश्वकप जीतने वाली तीसरी टीम बन गई थी।

    फाइनल से पहले, भारत और श्रीलंका सात बार विश्वकप के इतिहास में आमने-सामने थे। जिसमें से श्रीलंका को 4 में जीत 2 में हार और में कोई परिणाम नही मिला था। उस दौरान यह भी देखने को मिला था कि दो एशियाई टीम पहली बार फाइनल में आमने-सामने होंगी।

    इस 2011 की खिताबी भिड़त में श्रीलंका की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। जहीर खान ने अपने तीन लगातार ओवर मेडन निकाले थे और उनमें उपुल थरंगा का विकेट भी चटकाया था। जहीर खान के शुरुआती पांच ओवर में केवल 6 रन गए, जिसमें 3 मेडन और एक विकेट भी शामिल था।

    लेकिन उसके बाद बल्लेबाजी करने आए महिला जयवर्धने ने भारतीय गेंदबाजो को अपने ऊपर और हावी नही होने दिया और अपनी टीम के लिए इस खिताबी भिड़त में 88 गेंदो में 103 रन बनाए। जिसमें उनकी थिसारा परेरा के साथ 66 रन की साझेदारी भी शामिल थी। जयवर्धने श्रीलंका की पारी के स्टार खिलाड़ी थे क्योकि उन्होने एक मुश्किल परिस्थिति से अपनी टीम को 274 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया था।

    विश्व कप के फाइनल में सबसे बड़ा मिल लक्ष्य भारतीय टीम के लिए बिलकुल भी आसान नही होने वाला था और टीम के सालामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर दबाव की स्थिति में अपना विकेट जल्द गंवा बैठे थे।

    तेंदुलकर इस मैच में 18 रन बनाकर आउट हुए थे, और वर्तमान में भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली भी फाइनल में अपनी 35 रन की पारी को एक बड़ी पारी में तब्दील नही कर पाए थे। लेकिन गौतम गंभीर ने अपने मजबूच पंजे क्रीज पर जमा रखे थे और उन्होने मैच कि गति बदलने के लिए 97 रन की पारी खेली थी।

    5 वें नंबर पर खुद को प्रमोट करते हुए, एमएस धोनी ने टीम की एक खराब शुरुआत को सही करने के लिए मैदान पर जल्दी कदम रख दिए थे। क्रीज पर आने के बाद इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने 79 गेंदो मोें 91 रन की शानदार पारी खेली थी। धोनी को अपनी इस पारी के लिए मैन ऑफ द मैच से भी नवाजा गया था और उन्होने इस खिताबी भिड़ंत का अंत भी छक्के के साथ किया था। उन्होने गंभीर के साथ मिलकर 101 रन की साझेदारी की थी।

    भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारतीय क्रिकट टीम के सभी खिलाड़ियो को विश्वकप की जीत पर 1 करोड़ की राशि इनाम के तौर पर दी थी तो वही कोच गैरी कर्सटन और सहायक कर्मचारियो को भी 50-50 लाख रुपये दिये थे। चयनकर्ताओं को भी 25-25 लाख रूपये की इनाम से नवाजा गया था।
    टूर्नामेंट भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच सह-मेजबानी द्वारा आय़ोजित किया गया था। यह तीसरी बार था जब विश्व कप भारतीय उपमहाद्वीप में खेला गया था। 14 टीमें ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं, जिसमें चार सहयोगी राष्ट्र भी शामिल थे।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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