Sun. Nov 17th, 2024
    भारत में बुलेट ट्रेन

    नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड जोकि देश में बुलेट ट्रेन का परिचय कर रहा है, उसे भारतीय रेलवे विभाग द्वारा हाल ही में और अधिक रूटों पर बुलेट ट्रेन परियोजना शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अनुसार बुलेट ट्रेन कारपोरेशन भारत के विभिन्न ट्रेन रूटों का जायजा लेगा और फिर यह निर्धारित किया जाएगा की किन रूटों पर बुलेट ट्रेन की ज़रुरत है।

    दिल्ली-वाराणसी समेत छः रूटों की हुई पहचान :

    टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पूरी बुलेट ट्रेन परियोजना, जिसमें 10 रूट शामिल हैं, कुल मिलाकर लगभग 6,000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इस परियोजना पर लगभग 10 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। बुलेट ट्रेन संचालन के लिए अब तक छह मार्गों की पहचान की जा चुकी है। इसके अलावा, नई दिल्ली और वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन परिचालन के लिए निगम एक रिपोर्ट पर काम करने की भी संभावना है।

    मुंबई-अलाहाबाद कॉरिडोर की जानकारी :

    mumbai to prayagraj

    भारत का पहला बुलेट ट्रेन कॉरिडोर, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर कुल 508 किमी लंबा होगा। 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली बुलेट ट्रेन से दोनों शहरों के बीच की यात्रा लगभग 2 घंटे में पूरी होने की उम्मीद है।

    वर्तमान में, मुंबई और अहमदाबाद के बीच ट्रेन यात्रा को पूरा करने में लगभग 7 घंटे लगते हैं। एन रूट, हाई-स्पीड ट्रेन 12 स्टेशनों- बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स, विरार, ठाणे, बोईसर, वापी, सूरत, भरूच, बिलिमोरा, आनंद, साबरमती, बड़ौदा और अहमदाबाद रेलवे स्टेशनों को कवर करेगी। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम 2022 से 2023 के बीच होने की संभावना है।

    रेलवे बोर्ड के अधिकारी का बयान :

    इस परियोजना के बारे में रेलवे विभाग के एक कर्मचारी का कहना है की बुलेट ट्रेन संचालन को दिल्ली-लखनऊ के माध्यम से कानपुर और लखनऊ-वाराणसी के माध्यम से सुल्तानपुर मार्ग के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी वाराणसी से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है।

    रिपोर्ट के अनुसार, बुलेट ट्रेन नई दिल्ली-अमृतसर, नई दिल्ली-वाराणसी, नई दिल्ली-कोलकाता, पटना-कोलकाता, नई दिल्ली-मुंबई, चेन्नई-बेंगलुरु मार्गों के बीच चलने की संभावना है।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *