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    बुरिराम (थाईलैंड), 2 जून (आईएएनएस)| भारत में रेसिंग ट्रैक की भारी कमी के बावजूद जापान की होंडा टीम का कहना है कि उनकी भारत में ट्रैक पर निवेश करने की कोई योजना नहीं है।

    एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि वह पहले यहां के राइडरों को बेहतर करना चाहते हैं और मोटरस्पोर्ट्स के प्रति यहां के युवाओं को जागरूक करना चाहते हैं।

    भारत में मुख्य रूप से चेन्नई स्थित मद्रास मोटर रेस ट्रैक (एमएमआरटी) और ग्रेटर नोएडा स्थित बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (बीआईसी) ही दो ऐसे ट्रैक हैं, जोकि मोटरसाइकिल रेसिंग की इकाई फेडरेशन इंटरनेशनल दी मोटरसाइकिल (एफआईएम) से मान्यता प्राप्त है।

    होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मिनोरु काटो ने आईएएनएस से कहा, “मौजूदा समय में भारत में नए ट्रैक बनाने की होंडा की कोई योजना नहीं है। लेकिन भविष्य में, यह भारत में मोटरस्पोर्ट्स की संस्कृति और अन्य पार्टियों की इसमें होने वाली रूचि पर यह निर्भर करता है। हम इसे कदम दर कदम ले सकते हैं।”

    होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया के उपाध्यक्ष प्रभु नागराज ने कहा, “एक बार जब हम रेसिंग संस्कृति हासिल कर लेंगे और भारत में रेसिंग का स्तर काफी ऊंचा हो जाएगा तो फिर तीसरी पार्टी की इसमें रूची लेने की संभाना ज्यादा बढ़ जाएगी।”

    मौजूदा समय में भारत के दो राइडर राजीव सेथू और सेंथिल कुमार एआरआरसी की रेसों में भाग लेते हैं। राजीव ने आस्ट्रेलिया में हुए एआरआरसी के दूसरे रांड में पहली बार टॉप-10 में जगह बनाई थी।

    काटो ने कहा, “पिछले दो-तीन वर्षो से हम एक युवा राइडर की तलाश कर रहे हैं, जिसमें प्रतिभा और क्षमता हो। यह हमारा लक्ष्य है।”

    काटो इससे पहले होंडा वियतनाम के साथ थे। उन्होंने कहा, “इंडोनेशिया में 20 साल पहले मोटरस्पोर्ट्स संस्कृति नहीं थी। पांच साल पहले तक वियतनाम के पास कुछ भी नहीं था। लेकिन होंडा की गतिविधियों के चलते वहां रेसिंग संस्कृति विकसित हो रही है। हमें भारत में भी ऐसा ही होने की उम्मीद है।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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