Sun. Nov 17th, 2024
    ईरान अफगानिस्तान भारत

    भारत से भेजा गया गेहूं का पहला शिपमेंट शनिवार को ईरान के चाबहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान पहुंच गया है। इस पर अफगानिस्तान के अधिकारियों ने कहा है कि उनका देश अब पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर निर्भर नहीं है।

    इस शिपमेंट को अफगानिस्तान भेजने में खास बात यह है कि अबकी बार पाकिस्तान के जरिए इसे नहीं पहुंचाया गया है। बल्कि इस बार भारत से गेहूं का शिपमेंट ईरान के चाबहार बंदरगाह के जरिए पहुंचा है। जिस पर अफगान अधिकारियों ने खुशी जताई है।

    अफगानिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों और काबुल में भारतीय राजदूत मनप्रीत वोहरा ने इस नए व्यापार मार्ग का उद्घाटन करने के लिए एक समारोह में भाग लिया। इस दौरान अफगान अधिकारियों की तरफ से कहा गया कि अब वो पाकिस्तान पर व्यापार मार्गों के लिए पूरी तरह निर्भर नहीं है।

    पाक के कराची बंदरगाह पर निर्भर नहीं-अफगान

    ईरान के चाबहार बंदरगाह के होने से अफगानिस्तान अब पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर निर्भर नहीं रहेगा। गौरतलब है कि चाबहार बंदरगाह से पहले पाकिस्तान के कराची बंदरगाह के जरिए भारत से अफगानिस्तान में शिपमेंट भेजा जाता था।

    एक अफगान अधिकारी ने कहा कि ईऱान का नया चाबहार बंदरगाह अफगानिस्तान, ईरान और भारत में अरबों डॉलर का राजस्व लाएगा और साथ ही हजारों नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। निमरोज़-डेलाराम सड़क मार्ग के जरिए यह ईरान के चाबहार बंदरगाह पर जाता है।

    वहां के कृषि मंत्री नासीर अहमद दुरानी ने कहा कि चाबहार बंदरगाह की वजह से भारत, ईरान व अफगानिस्तान के बीच में व्यापार संबंधों को बढ़ावा व मजबूती मिलेगी। वहीं भारतीय राजदूत वोहरा ने कहा कि चाबहार बंदरगाह से इस क्षेत्र के देशों के बीच रास्ता आसान व छोटा हुआ है।

    गौरतलब है कि 29 अक्टूबर को भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सलाहाउद्दीन रब्बानी और ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिपमेंट भेजने की शुरुआत की थी।

    अगले कुछ महीनों में 6 और गेहूं के शिपमेंट अफगानिस्तान को भेजे जाएंगे। अफगानिस्तान को पहले पाकिस्तान के सड़क मार्ग के जरिए व्यापारिक सामान मंगवाना पड़ता था। इसलिए ईरान यात्रा के दौरान भारतीय पीएम नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में चाबहार पोर्ट का त्रिपक्षीय समझौता हुआ था।