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भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज

साउथ एशियन एसोसिएशन ऑफ़ रीजनल कन्ट्रीज यानी सार्क का इस वर्ष का आयोजन पाकिस्तान में आयोजित होने जा रहा है। पाकिस्तान के विदेश विभाग ने इस समारोह में भारत को न्योता भेजने की बात कही थी। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत पाकिस्तान में आयोजित सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा और पडोसी देश को पहले आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने से रोकना होगा। विदेश मंत्री ने करतारपुर गलियारे के निर्माण के फैसले का स्वागत किया है।

सुषमा स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान के आमंत्रण पर हम सकारात्मक रुख नहीं दिखा पायेंगे क्योंकि जैसा मैने कहा कि पाकिस्तान जब तक भारत में अपनी आतंकी गतिविधियों पर लगाम नहीं लगाता, तब तक कोई बातचीत नहीं होगी और इसलिए हम सार्क सम्मेलनमे शरीक नहीं होंगे।

पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे के स्थपाना दिवस समारोह में सुषमा स्वराज को आमंत्रित किया था लेकिन उन्होंने चुनावों में व्यस्तता का हवाला देकर इसमें शामिल्होने से इनकार कर दिया था। सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत सरकार दशकों से करतारपुर गलियारे के निर्माण की बात कह रही है लेकिन अब पाकिस्तान सरकार ने सकारात्मक रुख दिखाया है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह कतई नहीं कि द्विपक्षीय बातचीत प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, क्योंकि वार्ता और आतंक साथ संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान भारत में आतंकी गतिविधियाँ रोक देगा तब भारत बातचीत की शुरुआत करेगा, क्योंकि बातचीत सिर्फ करतारपुर गलियारे से नहीं जुड़ी है।

सार्क सम्मलेन में शिरकत के लिए भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को भी आमंत्रण दिया जायेगा। साल 2016 में सीमा पार आतंकी हमलो के कारण भारत ने पाकिस्तान में आयोजित सार्क सम्मलेन का बहिष्कार किया था।

भारत सहित अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी इस सम्मेलन का बहिष्कार किया था। इस सम्मेलन के यदि आठ सदस्यों में से एक भी सम्मिलित होने से इनकार करता है तो इस बैठक को रद्द कर दिया जाता है। साल 2016 में सार्क सम्मेलन को रद्द कर दिया था।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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