भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत में सहिष्णुता खतरे में नहीं है और इसका प्रचार समाज के लोकाचार कर रहे हैं। विदेश मंत्री ने विदेश संबंधो की परिषद् की एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि “मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकती कि भारत में सहिष्णुता खतरे में हैं।”
उन्होंने कहा कि “दिन के आखिरी चरण में सहिष्णुता का प्रचार कानून और संवैधानिक यकीन के द्वारा नहीं किया जा रहा था बल्कि समाज के लोकाचार के जरिये किया जा रहा है। तो अगर समाज के लोकाचार सहिष्णु नहीं हुए तो किसी भी संविधान का प्रावधान इसे सुनिश्चित नहीं कर सकता है। मुझे ऐसा नहीं लगता कि समाज के लोकाचार में कभी भी कोई बदलाव आएगा। मेरे ख्याल से समाज के लोकाचार विशेषकर हिन्दू के लोकाचार हमेशा सहिष्णु और बहुलवादी रहेंगे।”
मंत्री ने कहा कि “जिन परिवर्तनों का भारत आजादी के बाद 70 सालो से गवाह रहा है वो देश के लोकतंत्रीकरण का प्रत्यक्ष परिणाम है। भारत में हुए परिवर्तनों ने देश में लोकतंत्र की सफलता का प्रदर्शन किया है और जमीन पर इसके परिणाम देखने को मिले हैं।”
उन्होंने कहा कि “जो भी आप कह रहे हैं, मैं उससे बिल्कुल सहमत नहीं हूँ। मैं इसे अलग तरीके से रखना पसंद करूँगा।” भारत में हिन्दू राष्ट्रवाद का राजनीतिकरण के उभार के बाबत सवाल के जवाब एस जयशंकर ने दिए थे।