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    vijay malya

    भारत के बैंकों से नौ हज़ार करोड़ का घोटाला कर देश से फरार हुए विजय माल्या ने नरेंद्र को ‘वाक्पटु’ कहकर सम्बोधित किया है। शराब कारोबारी विजय माल्या ने गुरूवार को कहा कि “जो धनराशि मैं बैंक को ऑफर कर रहा हूँ, सरकार उसे स्वीकार करने का निर्देश क्यों नहीं दे रही है।”

    विजय माल्या ने कहा कि “भारतीय प्रधानमंत्री की संसद में पिछले भाषण ने मेरा ध्यान आकर्षित किया। वह बहुत अच्छे वक्त है। उन्होंने एक अज्ञात व्यक्ति को नौ हज़ार रूपए लेकर भागने वाला बताया था। मीडिया की थ्योरी के मुताबिक पीएम में मेरे बारे में बात कही थी।”

    शराब कारोबारी ने ट्वीट कर कहा कि “मैं अपने पिछले ट्वीट में पूछ चूका हूँ कि प्रधानमंत्री बैंक को निर्देश क्यों नहीं दे रहे हैं कि जो पैसे मैं दे रहा हूँ उसे स्वीकार कर ले। तो काम से काम वह दावा कर तो कर सकते हैं कि जनता के फंड की पूरी वसूली का दावा कर सकते हैं।”

    विजय माल्या ने कहा कि “मैंने माननीय कर्नाटक उच्च न्यायलय के समक्ष समझौते का प्रस्ताव रखा था। इसे तुच्छ कहकर निरस्त नहीं किया जा सकता है। यह एक वास्तविक, ईमानदार, गंभीर और आसान प्रस्ताव है। बैंक किंगफ़िशर एयरलाइन द्वारा दिए धन को क्यों स्वीकार नहीं कर रहे हैं।”

    उन्होंने कहा कि “मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मैंने अपने धन को छिपाया है, अगर ऐसा है तो अदालत 14000 करोड़ की संपत्ति को जब्त करने के आदेश कैसे दिए थे। जनता को गुमराह करना शर्मनाक है लेकिन हैरतअंगेज़ नहीं है।”

    ब्रिटेन से प्रत्यर्पण

    विजय माल्या भारत के बैंकों का कर्ज 9 हज़ार करोड़ रूपए हैं। विजय माल्या की टीम के मुताबिक वह किंगफ़िशर एयरलाइन के डूबने के कारण बैंक का कर्ज चुकाने में असमर्थ है और यह व्यापार में विफलता है। माल्या के विशेष गवाहों ने भारत के बैंकों, कैदखानों,राजनीति और न्यायिक प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाये थे। उन्होंने कहा कि यह हालात माल्या के मानव अधिकारों का हनन होगा।

    टाइगर हनीफ के प्रत्यर्पण के मुताबिक, अगर आरोपी सभी कानूनी चुनौतियों से हार जाता है तब भी प्रत्यर्पण बिना गृह सचिव के दस्तखत के संभव नहीं है। टाइगर हनीफ के अदालत में केस हारने के बावजूद साल 2013 से प्रत्यर्पण की फाइल गृह सचिव के समक्ष है, जिस पर फैसला अभी तक रुका हुआ है।

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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