भारत के बैंकों से नौ हज़ार करोड़ का घोटाला कर देश से फरार हुए विजय माल्या ने नरेंद्र को ‘वाक्पटु’ कहकर सम्बोधित किया है। शराब कारोबारी विजय माल्या ने गुरूवार को कहा कि “जो धनराशि मैं बैंक को ऑफर कर रहा हूँ, सरकार उसे स्वीकार करने का निर्देश क्यों नहीं दे रही है।”
विजय माल्या ने कहा कि “भारतीय प्रधानमंत्री की संसद में पिछले भाषण ने मेरा ध्यान आकर्षित किया। वह बहुत अच्छे वक्त है। उन्होंने एक अज्ञात व्यक्ति को नौ हज़ार रूपए लेकर भागने वाला बताया था। मीडिया की थ्योरी के मुताबिक पीएम में मेरे बारे में बात कही थी।”
The Prime Ministers last speech in Parliament was brought to my attention. He certainly is a very eloquent speaker. I noticed that he referred to an unnamed person who “ran away” with 9000 crores. Given the media narrative I can only infer that reference is to me.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) February 14, 2019
शराब कारोबारी ने ट्वीट कर कहा कि “मैं अपने पिछले ट्वीट में पूछ चूका हूँ कि प्रधानमंत्री बैंक को निर्देश क्यों नहीं दे रहे हैं कि जो पैसे मैं दे रहा हूँ उसे स्वीकार कर ले। तो काम से काम वह दावा कर तो कर सकते हैं कि जनता के फंड की पूरी वसूली का दावा कर सकते हैं।”
Following on from my earlier tweet, I respectfully ask why the Prime Minister is not instructing his Banks to take the money I have put on the table so he can at least claim credit for full recovery of public funds lent to Kingfisher.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) February 14, 2019
विजय माल्या ने कहा कि “मैंने माननीय कर्नाटक उच्च न्यायलय के समक्ष समझौते का प्रस्ताव रखा था। इसे तुच्छ कहकर निरस्त नहीं किया जा सकता है। यह एक वास्तविक, ईमानदार, गंभीर और आसान प्रस्ताव है। बैंक किंगफ़िशर एयरलाइन द्वारा दिए धन को क्यों स्वीकार नहीं कर रहे हैं।”
I have made the offer to settle before the Hon’Ble High Court Court of Karnataka. This cannot be dismissed as frivolous. It is a perfectly tangible, sincere, honest and readily achievable offer. The shoe is on the other foot now. Why don’t the Banks take the money lent to KFA ?
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) February 14, 2019
उन्होंने कहा कि “मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मैंने अपने धन को छिपाया है, अगर ऐसा है तो अदालत 14000 करोड़ की संपत्ति को जब्त करने के आदेश कैसे दिए थे। जनता को गुमराह करना शर्मनाक है लेकिन हैरतअंगेज़ नहीं है।”
ब्रिटेन से प्रत्यर्पण
विजय माल्या भारत के बैंकों का कर्ज 9 हज़ार करोड़ रूपए हैं। विजय माल्या की टीम के मुताबिक वह किंगफ़िशर एयरलाइन के डूबने के कारण बैंक का कर्ज चुकाने में असमर्थ है और यह व्यापार में विफलता है। माल्या के विशेष गवाहों ने भारत के बैंकों, कैदखानों,राजनीति और न्यायिक प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाये थे। उन्होंने कहा कि यह हालात माल्या के मानव अधिकारों का हनन होगा।
टाइगर हनीफ के प्रत्यर्पण के मुताबिक, अगर आरोपी सभी कानूनी चुनौतियों से हार जाता है तब भी प्रत्यर्पण बिना गृह सचिव के दस्तखत के संभव नहीं है। टाइगर हनीफ के अदालत में केस हारने के बावजूद साल 2013 से प्रत्यर्पण की फाइल गृह सचिव के समक्ष है, जिस पर फैसला अभी तक रुका हुआ है।