भारत में 26 जनवरी के अवसर पर पहली बार 10 आसियान देशों के प्रमुख मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने वाले है। भारत व आसियान के संबंधों को 25 साल पूरे होने के अवसर पर इसे ऐतिहासिक बनाने की कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। भारत सरकार द्वारा हर साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया जाता है।
लेकिन इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत सरकार ने 10 आसियान देशों के एक-एक नागरिक को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय किया है। ब्रुनेई दारुसलाम के मलाई हाजी अब्दुल्लाह बिन मलाई हाजी ओथमैन को दवा श्रेणी में पुरस्कार देने की घोषणा की है। ये प्रशिक्षण, शिक्षा और संसाधन (स्मार्ट) में प्रबंधन के लिए सोसायटी के संस्थापक है।
कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन के बेटे हुन मैनी को सार्वजनिक मामलों में उनकी भूमिका के लिए सम्मानित किया है। हुन मैनी कंबोडिया के सबसे युवा सांसद है। इंडोनेशिया के मूर्तिकार व नई कला आंदोलन के नेताओं में से एक न्यूमैन नुआर्टा को पुरस्कार देने की श्रेणी में शामिल किया गया है।
बाली में विष्णु की मूर्ति बनाने के लिए उन्हें जाना जाता है। लाओस के बौनलेप केओकांगा को भी शामिल किया गया। भद्रेश्वरा के शिव मंदिर की बहाली में मदद की है।
मलेशिया में दातुक रामली बिन इब्राहिम एक शास्त्रीय ओडिसी डांसर है और 40 से अधिक वर्षों से नृत्य सीखा रहे है। साल 2011 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी मिला।
पद्मश्री की सूची में इनके अलावा म्यांमार के इतिहासकार और लेखक डॉ. थान्ट मिंट यू, फिलीपीन्स के जोस मा जोय, सिंगापुर विदेशी मंत्रालय के राजदूत टॉमी कोह, थाईलैंड के सबसे बड़े आध्यात्मिक नेता सोमदे फ्रा अरिया वॉन्गसा खोट्टायन जिन्हें 10 साल की उम्र में भिक्षु के रूप में प्रशिक्षित किया गया और वियतनाम के राष्ट्रीय वियतनाम बौद्ध संघ के महासचिव गुयेन तेन थियेन को शामिल किया है।
ये सब हस्ती आसियान देशों में शामिल है। भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर इन्हें ये सम्मान देने का निर्णय किया है।