सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान आगामी सप्ताह भारत की यात्रा पर आएंगे और उनका ध्यान भारत में निवेश पर होगा। सऊदी अरब की खबर के मुताबिक कैबिनेट ने ऊर्जा मंत्री को राष्ट्रिय निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में निवेश के समझौते का अध्ययन करने को कहा है।
साल 2017 में अबुधाबी का सॉवरेन वेल्थ फंड, एनआईआईएफ के मास्टर फंड में निवेश करे वाला पहला निवेशक संस्थान था, जिसने एक अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता दिखाई थी। दुबई में स्थित पोर्ट ऑपरेटर और एनआईआईएफ ने कहा कि वह संयुक्त रूप से भरता में तीन अरब डॉलर निवेश करने की योजना बना रहे हैं।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस भारत की यात्रा पर 19-20 फरवरी को आएंगे। एर्जेंटिना में आयोजित जी- 20 की बैठक में पीएम मोदी ने सऊदी अरब के प्रिंस से मुलाकात की थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि रियाद भारत का हमेशा से सबसे बड़ा तेल निर्यातक रहा है, और अब दोनों राष्ट्र ऊर्जा से आगे बढ़कर निवेश में भाग लेना चाहते है। दोनो राष्ट्रों की सरकारों ने रणनीतिक साझेदारी के निर्माण के लिए रजामंदी जाहिर की है।
साझे हित में ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार, निवेश, रक्षा और सुरक्षा में वार्ता का स्तर बढ़ा है। अधिकारी के मुताबिक भारत को उम्मीद है कि क्राउन प्रिंस राष्ट्रीय निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में निवेश की घोषणा करेंगे। साल 2014 से भारत ने सऊदी अरब सहित कई देशों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किया है और भारत एक तीव्रता से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रही है।
खबर के मुताबिक, सऊदी अरब पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह में 10 अरब डॉलर की आयल रिफायनरी का निर्माण करेगा। यह पाकिस्तान और चीन की महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का मुख्य भाग है। सऊदी अरब के दो अधिकारीयों ने पुष्टि की कि पाकिस्तान के यात्रा के दौरान मोहम्मद बिन सलमान कई निवेश समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।