चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शुक्रवार को सुबह चेन्नई के लिए बीजिंग से रवाना हो गए हैं। भारत के प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी के साथ महाबलीपुरम में यह जिनपिंग का दूसरा अनौपचारिक शिखर सम्मेलन है। नरेंद्र मोदी इ जिनपिंग को भारत आने का न्योता दिया था।
भारत के दौरे के बाद चीनी राष्ट्रपति नेपाल की यात्रा पर जायेंगे। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ चाइना की सीपीसी सेंट्रल कमिटी के सदस्य डिंग शुओजिअन्ग भी शी से साथ यहाँ आयेंगे। पोलिट ब्यूरो के सदस्यों के साथ ही विदेश मंत्री वांग यी और चीनी पीपल्स कंसल्टेटिव कांफ्रेंस के वाईस चेयरमैन ही लिफींग और राष्ट्रीय विकास एवं सुधार परिषद् के प्रमुख भी भारत दौरे पर आयेंगे।
मुलाकात के दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्वता के मुद्दों पर वार्ता करेगा और भारत-चीन विकास साझेदारी को गहरा करने के लिए विचारों को साझा करेंगे। आज दोपहर में चीनी राष्ट्रपति शेंने के एयरपोर्ट पर पहुचेगे। महाबलिपुरण के ऐतिहासिक शहर से चीन का भी ताल्लुक है और पल्लव वंश के दौरान प्राचीन समुंदरी लिंक्स थे।
चीनी राष्ट्रपति के आगमन पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन शोर मंदिर किया जायेगा। इसके बाद पीएम मोदी रात्री भोज के लिए चीनी राष्ट्रपति की मेजबानी करेंगे। शनिवार को मोदी और शी के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी और प्रतिनिधि स्तर की वार्ता का भी आयोजन किया जायेगा।
इस यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार के समझौते या मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग पर दस्तखत नहीं किये जायेंगे। भारतीय पक्ष से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश मन्त्री एस जयशंकर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के साथ होंगे। ऐतिहासिक तटीय शहर महाबलीपुरम में एशिया के दो दिग्गज नेताओं के बीच मुलाकात होगी।
इस मुलाकात का उद्देश्य क्षेत्रीय और वैश्विक मामलो पर विचारो का आदान-प्रदान करना है। इसके यात्रा के बाद चीनी राष्ट्रपति नेपाल की यात्रा पर जायेंगे। साल 2014 मोदी ने अहमदाबाद में शी जिनपिंग का इस्तकबाल किया था।