केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को एक सभा को संबोधित करते हुए कहा है कि वर्तमान में जारी वैश्विक ट्रेड वार से कुछ अस्थिरता आ सकती है लेकिन ये भारत के लिए फायदेमंद साबित होगी। उन्होने कहा कि इस ट्रेड वार से भारत को उत्पादन और व्यापार के आधार पर काफी मौके मिलेंगे।
पीएचडी चैंबर के सालाना समारोह को संबोधित करते हुए अरुण जेटली ने कहा कि फिलहाल चल रहे ग्लोबल ट्रेड वार से कुछ समय के लिए तो प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है लेकिन इसी के चलते देश में विकास के नए रास्ते सामने आएंगे।
उन्होने साथ ही कहा कि “ट्रेड वॉर की वजह से विश्व में जो अस्थिरता का माहौल उत्पन्न हुआ है, भारत इस मौके को भुना कर काफी अच्छा प्रदर्शन करेगा।”
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर की वजह से भारतीय उत्पाद जैसे मशीन, बिजली का समान, वाहन, केमिकल और रबर के सामान जैसी वस्तुओं के लिए अमेरिका एक बड़े बाज़ार के रूप में सामने आ सकता है। चूंकि भारतीय उत्पाद अपेक्षाकृत सस्ते पड़ते हैं, जिसकी वजह से ये जल्द ही अमेरिकी बाज़ार में अपनी पैठ बना लेंगे।
अरुण जेटली ने इस बात पर भी ज़ोर देते हुए कहा है कि अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले कमजोर होते रुपये से भारत को कच्चे तेल के लिए अधिक दाम चुकाने पड़ रहे हैं। उन्होने कहा कि भारत कच्चे तेल के लिए खाड़ी देशों पर ज्यादा निर्भर है। मालूम हो कि भारत अपनी कुल जरूरत का करीब 81 प्रतिशत तेल विदेश से आयात करता है।
भारत विश्व में तेल का तीसरा सबसे बड़ा खरीददार है। इस वजह से गिरते रुपये से भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचना लाज़मी है। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत पिछले 5 हफ्तों में करीब 9 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ चुकी है। पाँच हफ्ते पहले कच्चे तेल की कीमत 71 डॉलर प्रति बैरल थी, जो अब 80 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुँच गयी है।