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    विजय गोखले और माइक पोम्पें

    अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने सोमवार को उम्मीद जताई कि वेनुजुएला में भारत अमेरिकी प्रयासों का समर्थन करेगा और निरंकुश मादुरो सरकार से तेल सौदा नहीं करेगा। इस मामलों पर भारत के विदेश सचिव विजय गोखले के साथ मुलाकात में अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने चर्चा की थी और भारत अमेरिका सम्बन्ध को मजबूत करने की बात कही।

    माइक पोम्पिओ का बयान

    माइक पोम्पिओ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि “हमने भारत से वही सब कहा जो अन्य देशों को कहा था कि निकोलस मादुरो की सरकार की आर्थिक लाइफलाइन मत बनना। हमने वेनुजुएला के बाबत बातचीत की, यह एक निजी वार्ता थी, मैं इसका वर्णन नहीं कर सकता हूँ।”

    उन्होंने कहा कि “जैसे भारत ने ईरान में हमारे प्रयासों का समर्थन किया था। मुझे विश्वास है कि वह वेनुजुएला की जनता के असल खतरे को समझेंगे। हमारे बीच काफी अच्छी बातचीत हुई थी।” न्यूज़ कांफ्रेंस में माइक पोम्पिओ ने कहा कि “जो राष्ट्र निकोलस मादुरो का समर्थन कर रहे हैं, वे विदेशी मामलों में खुद हस्तक्षेप करते हैं और दूसरों पर इसका इल्जाम लगाते हैं।”

    अमेरिका की अन्य राष्ट्रों को हिदायत

    उन्होंने कहा कि “आज अमेरिका दो पक्षों के बीच लाइन स्पष्ट कर देना चाहता है, वे जो दमन की सेनाओं को मदद मुहैया करेंगे और दूसरे वे जो वेनुजुएला की जनता के लोकतंत्र होने के सपने को साकार करेंगे। इस सत्य में कोई अस्पष्टता नहीं है।”

    अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भी ऐसी ही धमकी सभी राष्ट्रों को दी है। ट्वीट कर जॉन बोल्टन ने कहा कि “अंतरार्ष्ट्रीय बैंक मादुरो सरकार के साथ कोई सम्बन्ध न रखे। बैंकर्स मादुरो या उसके सहयोगियों की मदद जनता की संपत्ति चोरी करने में न करें। अमेरिका निगरानी बनाये हुए हैं। विश्व देख रहा है और वेनुजुएला की जनता देख रही है।

    राष्ट्रपति मादुरो को सेना, रूस, चीन व दर्जनों अन्य राष्ट्रों का समर्थन प्राप्त है। वेनुजुएला आधुनिक दौर के सबसे बड़े आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह महंगाई ने रिकॉर्ड तोड़ एक करोड़ फीसदी उछाल मारी है। वेनुजुएला के राष्ट्रपति आर्थिक संकट के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय मदद लेने को तैयार नहीं है और उनके मुताबिक उनका देश भिखारी नहीं है। राष्ट्रपति की लापरवाही और हटी रवैये के कारण कई  छोड़ने पर मज़बूर होना पड़ा है।  उनके खिलाफ देश में आक्रोश है, लोग उनकी गलत नीतियों और रवैये को इस आर्थिक संकट का जिम्मेदार मानते हैं।

    अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा कि “जो राष्ट्र और कंपनियां मजदूरों की चोरी को छिपाने का भरसक प्रयास कर रही है, उसे भूला नहीं जा सकेगा। वेनुजुएला की जनता की संपत्ति को बचने के लिए अमेरिका अपनी सभी ताकत झोंक देगा और हम सभी देशों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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