पाकिस्तान कश्मीर मामला का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के नाकाम रहा है और इससे निराश पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान ने वैश्विक समुदाय पर इस मामले को अनदेखा करने का आरोप लगाया है क्योंकि 1.2 अरब मज़बूत लोगो का भारत एक उभरता बाजार है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि “कश्मीर मामले पर विश्व ने कुछ नहीं किया है क्योंकि भारत एक उभरता हुआ भारी बाजार है। अफ़सोस, उत्पादों को मनुष्य से अधिक तरजीह दी जा रही है। लेकिन इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं और मैं इसे इसलिए दोहरा रहा हूँ क्योंकि मैं यहाँ हूँ।”
भारत ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया था और पाकिस्तान ने विभिन्न वैश्विक मंचो पर इस मुद्दे को उठाया था लेकिन उसे निराशा ही हाथ लगी थी।
ऐसा ही बयान इमरान खान ने बुधवार को दिया था कि कश्मीर मामले पर वैश्विक समुदाय की प्रतिक्रिया से काफी निराश हूँ। भारत ने अपनी स्थिति को स्पष्ट किया है कि यह भारत का आंतरिक मामला है और इसमें किसी तीरसे पक्ष की दखलंदाज़ी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए परमाणु युद्ध के गंभीर परिमाणों की चेतावनी दी है।
इमरान खान ने कहा कि “अगर एक बार कश्मीर से कर्फ्यू हटा दिया गया तो वहां रक्तपात हो जायेगा। वहां 900000 सैनिक तैनात है, वे नरेंद्र मोदी के कहे मुताबिक समृद्धता के लिए नहीं आये हैं। यह सैनिक वहां क्या कर रहे हैं? कब वह वापस जायेंगे? वहा रक्तपात मच जायेगा।”
खान ने कहा कि “हमारा यकीन है कि हम लड़ेंगे और जब एक पामाणु संपन्न देश अंत तक जंग लड़ता है तो उसके परिणाम सीमा के बाहर तक असरदायक होते हैं। मैं आपको चेतावनी दे रहा हूँ। यह धमकी नहीं है लेकिन चिंताजनक है कि हम किस तरफ जा रहे हैं। अगर यह गलत हुआ तो अच्छे की उम्मीद करे वरना भयानक आपदा के लिए तत्पार रहे।”