विश्व बैंक की प्रवासियों और प्रेषण पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में विदेशों से भेजे जाने धन में 16.18 फीसदी का इजाफा हुआ है। साल 2017 में यह 68.9 अरब डॉलर था। साल 2018 में इसके 79.4 अरब डॉलर रहने की उम्मीद है। भारत के बाद चीन 67 अरब डॉलर, मेक्सिको और फ़िलीपीन्स (34 अरब डॉलर) और मिस्र में 26 अरब डॉलर है।
साल 2017 का प्रेषण भारत की जीडीपी का 2.7 प्रतिशत है। दक्षिण एशिया में भेजे हुए धन में 13.5 प्रतिशत वृद्धि होने की सम्भावना है यानी साल 2018 में 132 अरब डॉलर होगा। जबकि साल 2017 में यह प्रेषण 5.7 फीसदी था। गल्फ कोऑपरेशन कन्ट्रीज से पहले हाफ में 13 फीसदी प्रेषण बढ़ा है।
जीसीसी एक क्षेत्रीय इंटर-सरकारों का आर्थिक और राजनीतिक समूह है, जिसमे बहरीन, सऊदी अरब, कुवैत, ओमान, क़तर और यूएई शामिल हैं। विश्व बैंक के मुताबिक विकासशील देशों में भेजे जाने वाला प्रेषण की साल 2018 में 10.8 प्रतिशत, 528 अरब डॉलर तक पंहुचने की उम्मीद है। जबकि साल 2017 में यह 7.8 प्रतिशत था।
वैश्विक प्रेषण उच्च आय वाले देशों में 10.3 फीसदी बढ़ने की सम्भावना है। साल 2019 में प्रेषण वृद्धि में 4.3 फीसदी की गिरावट होगी।