संयुक्त राष्ट्र सभा की अध्यक्ष मारिया फर्नान्डा एस्पिनोसा ने कहा कि भारत के विकास मानकों पर सफल होने से दुनिया की सूरत में परिवर्तन आ जाएगा। उन्होंने कहा भारत बहुपक्षीय प्रणाली में महत्वपूर्ण किरदार निभाएगा। उन्होंने कहा कि यूएन की सदस्य बनने के बाद वह भारत के साथ आगे कार्य करने और जुड़ने के लिए उत्सुक है।
मारिया फर्नान्डा एस्पिनोसा ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र का सहभागी देश है। उन्होंने कहा यदि भारत 2030 के एजेंडा को पूरा कर लेता है तो दुनिया की तस्वीर बदल जाएगी।
मारिया फर्नान्डा एस्पिनोसा इससे पूर्व विदेश मंत्री थी और जून में उन्हें अध्यक्ष के पद के लिए चयनित किया गया। वह इस संघठन की चौथी महिला अध्यक्ष है। यूएन की पहली महिला अध्यक्ष भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बहन विजया लक्ष्मी पंडित थी। इसके बाद दूसरी महिला अध्यक्ष लाइबेरिया की ऐंगी एलिज़ाबेथ ब्रुक्स बनी और तीसरी अध्यक्ष बहरीन की शेखा हया रशीद अल खलीफा बनी।
यूएन की अध्यक्ष बनने से पूर्व मारिया फर्नान्डा एस्पिनोसा ने भारत की यात्रा की थी जिसमे उन्होंने पीएम मोदी के साथ बैठक की थी। यूएन की कार्यप्रणाली में भारत के प्रयासों को देखते हुए अध्यक्ष ने कहा था कि भारत यूएन की शांति फौज में एक मज़बूत सहयोगी है। उन्होंने कहा कि यूएन पीसकीपिंग फाॅर्स में महिलाओं की मौजूदगी के मानकों को तय करना भी बेहद जरुरी है।
अध्यक्ष ने नरेंद्र मोदी को यूएन का चैंपियन ऑफ़ दी अर्थ का ख़िताब जीतने की बधाई दी। यह पुरूस्कार पीएम को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में मज़बूत नेतृत्व और भारत को प्लास्टिक मुक्त बंनाने की प्रतिबद्धता पर दिया गया था।
उन्होंने कहा वह बेहद खुश है कि पीएम मोदी के पर्यावरणीय कार्य और सौर ऊर्जा की प्रतिबद्धता के लिए उन्हें सराहा गया। भारत जलवायु परिवर्तन को मात देने के एजेंडा में भी महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
मारिया फर्नान्डा एस्पिनोसा ने कहा भारत स्वच्छता और शहरीकरण जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा भारत सार्वधिक जनसँख्या वाला देश है इसलिए देहात और शहर के मध्य सामंजस्य बैठा पाना थोड़ा मुश्किल है बहरहाल यदि आपके पास राजनितिक इच्छाशक्ति और अमल करने लायक योजना है तो आप इन चुनौतियों से पार पा सकते हैं।
यूएन अध्यक्ष ने कहा कि भारत एक मज़बूत लोकतान्त्रिक देश है और वह भारत के साथ सात मत्वपूर्ण परियोनाओं पर कार्य करने की इच्छुक है। उन्होंने कहा दुनिया में शांति स्थपित करने का एक मात्र रास्ता बापू के सिद्धांतों और आदर्शों पर चलकर प्राप्त किया जा सकता है। पिछले सप्ताह दुनिया में महात्मा गाँधी के जन्मदिवस (अंतर्राष्ट्रीय शान्ति दिवस) का जश्न मनाया गया था।