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    म्यांमार में रोहिंग्या शरणार्थियों के घरों को सुपुर्द करते राष्ट्रपति

    भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पांच दिवसीय यात्रा पर म्यांमार गए हैं। हाल ही में भारत के विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि वह भारत की म्यांमार में विकास कार्य के तहत निर्मित 50 घरों को सरकार के सुपुर्द कर देंगे, इस कार्य को राष्ट्रपति करेंगे। भारत ने मंगलवार को विस्थापित रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए निर्मित 50 घरों को म्यांमार की सरकार को सौंप दिया है।

    भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनके समकक्षी यु विन म्यिंत के मध्य प्रतिनिधि स्तर की वार्ता वार्ता हुई थी और इस बैठक में द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार करने का निर्णय लिया था। भारत विकास परियोजना के तहत रखाइन प्रांत में 250 मकानों का निर्माण कर रहा है। म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुस्लिम निवास करते थे।

    रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर बताया कि 50 घरों के निर्माण होने के बाद अधिकारिक तौर पर म्यांमार के विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है। बीते वर्ष भारत ने म्यांमार सरकार के साथ विकास परियोजना पर दस्तखत किये थे। भारत के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत ने म्यांमार सरकार के विकास कार्य में सहायता के लिए इस प्रोजेक्ट का भागीदार बना था। म्यांमार सरकार रखाइन से विस्थापित रोहिंग्या मुस्लिमों के निवास के लिए घरों का निर्माण कर रही थी।

    उन्होंने कहा कि भारत के इस कार्य की सराहना सिर्फ म्यांमार सरकार ने नहीं बल्कि संयुक्त राष्ट्र परिषद् और अन्य विभागों ने भी की है।

    रोहिंग्या मुस्लिमों पर अत्याचार

    साल 2017 में म्यांमार में सेना की दमनकारी अभियान के कारण 7 लाख रोहिंग्या मुस्लिम पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश की तरफ भाग गए थे। इसे अब तक का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट बताया गया था।

    रोहिंग्या अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के कारण अंतर्राष्ट्रीय जगत ने म्यांमार की सरकार और स्टेट चांसलर आं सान सु की की काफी आलोचनायें की थी। यूएन ने इस अत्याचार को म्यांमार में संजातीय समूह का सफाया बताया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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