रूस ने बुधवार को कहा कि “वह भारत में अगले 20 वर्षो में 20 परमानी इकाइयों को स्थापित करने की योजना बना रहा है। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी आज सुबह रूस के फार ईस्टर्न शहर व्लादिवोस्तोक पंहुचे थे। साथ ही 20 वें वार्षिक सम्मेलन दोनों देशो ने संयुक्त बयान दिया था।”
दोनों पक्षों ने कई समझौतों का आदान-प्रदान दिया है, इसमें सैन्य और तकनीक सहयोग, उर्जा, और विज्ञान, एलएनजी बिज़नेस और एलएनजी सप्लाई और प्राकृतिक गैस शामिल है।
मोदी ने बयान में कहा कि “मैं व्लादिवोस्टोक की यात्रा करने वाला पहला भारतीय प्रधानमन्त्री होने पर सम्मानजनक हूँ, मेरे दोस्त राष्ट्रपति पुतिन ने मुझे यहाँ आमंत्रित किया था। मुझे साल 2001 का वार्षिक सम्मेलन याद है, जब वह राष्ट्रपति थे और मैं पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपयी के प्रतिनिधि समूह के साथ आया था।”
उन्होंने कहा कि “हमारी कोशिश दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की है। हमें इस सम्बन्ध के केंद्र में लोगो को रखा है।” राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि “दोनों देश कई अंतरराष्ट्रीय पहलुओं पर एकसमान विचार रखते हैं।” पुतिन ने कहा कि दोनों देशो ने विभिन्न क्षेत्रों में 15 समझौतों पर दस्तखत किये है।
पॉवर प्लांट के बाबत उन्होंने कहा कि “पहले और दूसरे पर कार्य किया जा रहा है और तीसरे और चौथे पर कार्य निर्माणाधीन है। साथ ही रूस भारत में अगले 20 वर्षो में 20 परमाणु इकाइयों को स्थापित करने की योजना बना रहा है।”
पीएम मोदी ने कहा कि “हम किसी भी राष्ट्र के अंदरूनी मामले में बाहरी दखलंदाज़ी का विरोध करते हैं। मोस्को का उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान का निर्णय उनके और उनके मुल्क के लिए सम्मान की बात है।”
पीएम मोदी ने कहा कि “भारत ऐसा अफगानिस्तान देखना चाहता है जो स्वतंत्र, शांत और लोकतांत्रिक हो। हम दोनों किसी देश के आंतरिक मामले में बाहरी दखल के खिलाफ हैं। अगले साल भारत-रूस मिलकर टाइगर कन्जर्वेशन पर बड़ा फोरम करने में सहमत हुए हैं।”