रूस के राष्ट्रपति व्लामिदिर पुतिन 19 वें भारत और रूस के मध्य हो शिखर सम्मेलन में शरीक होने भारत आये हुए हैं।
भारत के प्रधानमंत्री और रुसी राष्ट्रपति ने इस सम्मलेन के दौरान आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं। जिसमे से एक एस- 400 रक्षा प्रणाली है जो दोनों राष्ट्रों के मध्य कूटनीतिक साझेदारी और भारत रूस संबंध को अधिक मज़बूत कर देगी।
भारत और रूस के मध्य रक्षा समेत कई अन्य द्विपक्षीय समझौते पर रज़ामंदी हुई है।
एस-400 मिसाइल रखा प्रणाली
काफी लम्बे अंतराल के बाद आखिरकार रूस और भारत के मध्य इस समझौते पर हस्ताक्षर हो गए। यह विश्व की सबसे बेहतरीन रक्षा प्रणालियों में से एक है।
अमेरिका के विरोध और धमकियों के बावजूद भारत ने इस सौदे को मंज़ूरी दे दी। रूस से यह रक्षा प्रणाली साल 2019 तक भारत को आयात होनी शुरू हो जाएगी।
अंतरिक्ष समझौता
भारतीय प्रधानमंत्री का अंतरिक्ष में बिना विदेशी सहयोग के अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम को अंजाम तक पहुँचाना है। यह परियोजना मेक इन इंडिया के तहत की जा रही है। इस मिशन को गगनयान नाम दिया गया है। जिसको तकनीकी सहयोग रूस करेगा।
कोचिन शिपयार्ड पैक्ट
कोचिन शिपयार्ड पैक्टने रुसी शिपयार्ड कंपनी के साथ तकनिकी सहयोग पर हस्ताक्षर किये हैं। भारत साथ ही रूस से जल आवाजाही पर भी बातचीत कर रहा है।
रेलवे विभाग
भारतीय रेलवे विभाग ने रुसी रेलवे के साथ सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इस पैक्ट के अंतर्गत स्पीड सिकंदराबाद-नागपुर लाइन का अपग्रडेशन प्रोजेक्ट आता है। साथ ही दोनों देश नयी तकनीकों का आदान-प्रदान भी करेंगे।
कृषि विभाग
इस समझौते के तहत रुसी फर्म भारतीय कंपनी को दो मिलियन टन कीटनाशक मुहैया कराएगा। यह समझौता दोनों राष्ट्रों के मध्य खाद्य सुरक्षा को मुक्कमल करेगा साथ ही दोनों देशो के मध्य व्यापार में वृद्धि होगी।
अर्थव्यवस्था
भारत और रूस के मध्य पिछले वर्ष के मुकाबले द्विपक्षीय व्यापार में 20 फीसदी की वृद्धि हुई है। दोनों राष्ट्रों ने भुगतान के लिए राष्ट्रीय मुद्रा के इस्तेमाल पर रज़ामंदी दी है। रुसी राष्ट्रपति ने भारत को रुसी फार ईस्टर्न रीजन में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है जिसे भारत ने स्वीकार किया है।
विदेश विभागों के मध्य समझौता
दोनों राष्ट्रों के मध्य 2019-23 तक प्रोटोकॉल ऑफ़ कंसल्टेशन के समझौते पर दस्तखत हुए है। यह समझौता दोनों देशों के मध्य अंतर्राष्ट्रीय संबंधों कि व्यापक नीति को दर्शाता है।