अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने रूस के साथ एस-400 रक्षा प्रणाली का सौदा किया। भारत में नियुक्त रुसी राजदूत ने कहा कि अमेरिकी प्रतिबन्ध भविष्य में भारत के साथ रक्षा समझौते करने से नहीं रोक सकते हैं। उन्होंने कहा नई दिल्ली और मास्को जल्द ही फ्रिगेट्स और कॅलशिनोव राइफल रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।
रुसी राजदूत निकोले कुशादेव ने कहा कि भारत और रूस के मध्य एस-400 इतिहास का सबसे विशाल और जल्दी होने वाली रक्षा डील है। इस डील से भारत रूस सम्बन्ध नए शिखर पर पहुंचे हैं।
हाल ही में रुसी राष्ट्रपति व्लामिदिर पुतिन भारत-रूस सालाना शिखर सम्मलेन में भारत दौरे पर आये थे। इस आयोजन के दौरान रुसी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री ने एस-400 रक्षा सौदे समेत सात अन्य समझौतों पर भी दस्तखत किये थे।
एस-400 मिसाइल की लागत 5.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। गौरतलब है अमेरिका ने रूस पर कासटा कानून के तहत प्रतिबन्ध लगाए हुए है।
रुसी राजदूत ने कहा कि भविष्य में भारत के साथ अन्य समझौते होने की उम्मीद है। हमारी नई दिल्ली के साथ बातचीत जारी है आगामी दो से तीन महीने में फ्रिगेट्स राइफल की डील पर मोहर लग सकती है। उन्होंने कहा अमेरिकी कानून कासटा भारत और रूस पर अन्य रक्षा समझौते करने पर पाबंदी नहीं लगा सकता है।
हाल ही में दिए अपने इंटरव्यू में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि प्रतिबन्ध के बावजूद भारत को रूस के साथ हथियारों के सौदे करने के विषय में अमेरिका का फैसला जल्द ही मालूम चल जायेगा।
कासटा हाल में सीनेट में पारित हुआ अमेरिकी क़ानून है जिसका मकसद उत्तर कोरिया, ईरान और विशेषतः रूस पर प्रतिबन्ध लगाना है। इस कानून के तहत केवल डोनाल्ड ट्रम्प ही भारत को रूस से रक्षा समझौते करने पर रियायत दे सकते हैं। इस क़ानून के तहत अमेरिका ने चीन की सेना पर रूस से हथियार खरीदने पर प्रतिबन्ध लगाए थे।
जाहिर है डोनाल्ड ट्रम्प भी नहीं चाहते कि उनके द्वारा लगाये गए प्रतिबंधों की वजह से भारत अमेरिका सम्बन्ध कमजोर हों।
रुसी राजदूत ने बताया कि दोनों राष्ट्रों के मध्य यह एक सफल वार्ता रही है। इस दौरे से दोनों राष्ट्रों के मध्य आर्थिक, राजनीतिक, सैन्य लगभग हर क्षेत्र में नजदीकियां बढ़ी है। इस दौरे का मकसद अमेरिका को आँखे दिखाना नहीं था बल्कि रूस और भारत के एजेंडा को सार्थक दिशा देना था।
रुसी राजदूत ने सार्वजानिक स्तर पर समझौते पर हस्ताक्षर ने करने के बाबत बताया कि समझौते से पूर्व ही रुसी नियम और कानूनों के अंतगर्त इस डील को हरी झंडी दिखाई गई है।