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    रूस के साथ समझौता

    भारत ने अपनी काबिलियत में वृद्धि करने के लिए रूस के साथ 1500 करोड़ के समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। यह समझौता आर-27 वायु से वायु मिसाइल के लिए हुआ है जिसे सु-30 एमकेआई कोम्बक्ट एयरक्राफ्ट में इस्तेमाल किया जायेगा।

    सरकार के सूत्र ने बताया कि “रूस के साथ आर-27 मिसाइल के अधिग्रहण के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट पर दस्तखत किये गए हैं जिसे भारतीय वायुसेना के सु-30 एमकेआई एयरक्राफ्ट के जखीरे में फिट किया जायेगा।” रूस की मिसाइल दुश्मनों के एयरक्राफ्ट पर लम्बी दूरी से वार करने में सुखोई को अतिरिक्त क्षमता देगी।

    आर-27 मिसाइल एक मध्यम से लम्बी रेंज की वायु मिसाइल हैं जिसे रूस ने निर्मित किया है। उन्होंने इस मिसाइल को एमआईजी और सुखोई लडाकू विमानों के लिए बनाया था। बीते 50 दिनों में भारतीय वायुसेना ने 7600 करोड़ के हथियार समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।

    इसे रक्षा मंत्रालय ने तत्काल जरुरत के लिहाज से मंज़ूरी दी थी। वायुसेना ने 7600 करोड़ मिसाइल को खरीदने में खर्च किये हैं, जिसमे स्पाइस-2000, शत्रुम् अतका एटीजीएम और अधिक संख्या में स्पेयर थे। पुलवामा हमले के बाद केंद्र सरकार ने तीनो सेनाओं को जरुरत के मुताबिक सभी उपकरणों को खरीदने की मंज़ूरी दी है ताकि सीमा पर पाकिस्तान क्ले हमलो से हिफाजत की जा सके।

    रक्षा मंत्रालय की मंज़ूरी के तहत सुरक्षा बल अपनी इच्छा से कोई भी तीन महीनो के अन्दर 300 करोड़ रूपए प्रति केस तक के हथियार खरीद सकते हैं। पुलवामा हमले के कुछ हफ्तों बाद ही यह इमरजेंसी ताकत सेना के हाथो मे सौंपी गयी थी। भारत ने पाकिस्तान से सटे बॉर्डर पर निगरानी को बढ़ाना शुरू कर दिया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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