भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूस के उपप्रधानमन्त्री युरी बोरिसोव ने नई दिल्ली की बैठक के दौरान कई द्विपक्षीय मामलो पर चर्चा की थी। इसमें भारतीय प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी मुलाकात के बारे में भी बात हुई थी।
18 मज़बूत रूसी प्रतिनिधि सदस्यों की अध्यक्षता कर रहे बोरिसोव ने जयशंकर के साथ मुलाकात की थी। दोनों ने व्यापार, अर्थव्यवस्था, वैज्ञानिक, तकनीक और संस्कृतिक सहयोग पर वार्ता की और भारत-रूस आंतरिक सरकार परिषद् की सह अध्यक्षता की थी। वार्ता के दौरान रूस के उप प्रधानमन्त्री ने जयशंकर को चंद्रयान-2 के सफलतापूर्वक लांच के लिए बधाई दी थी।
विदेश मंत्रालय ने बयान में बताया कि “विदेश के पदभार सँभालने के बाद उन्होंने पहली आंतरिक सत्रीय बैठक का आयोजन किया था। इसमें प्रधानमन्त्री मोदी की आगामी रुसी यात्रा के बाबत भी विचार हुआ था, जिसमे वह सितम्बर में आयोजित पूर्वी आथिक मंच में मुक्ख्य अतिथि होंगे और अगले भारत-रूस द्विपक्षीय सम्मेलन में व्यापार, परिवहन, ऊर्जा , कृषि, उद्योग, अन्तरिक्ष और निवेश के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा होगी।”
दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य साल 2025 तक 30 अरब डॉलर रखा है और आखिर तक इसके लिए कारवाई करने पर सहमति जाहिर की है। दोनों पक्षों के बीच गैर शुल्क बाधाओं की समीक्षा की जाएगी और संयुक्त अध्ययन को अंतिम रूप दिया जायेगा, जिसमे द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग का विस्तार होगा।
बयान में बताया गया कि “दोनों पक्षों के बीच कृषि उत्पादों के आयात के विस्तार पर चर्चा की जा सकती है।” परिवहन के क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच शिप बिल्डिंग और जमीन के अन्दर जलमार्ग में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा होगी। इसमें नागपुर से सिकंदराबाद के बीच रेल गति में अपग्रेड करने का संयुक्त अध्ययन भी है और साथ ही राज्यमार्गो पर सॅटॅलाइट आधारित टोल्लिंग की स्थापना करना भी शामिल है।
तेल और गैस के क्षेत्र में लम्बे समय के सहयोग पर दोनों पक्ष दोनों देशों में निवेश के अवसरों का विस्तार करने पर भी चर्चा करेंगे। ऊर्जा के क्षेत्र में जारी नागरिक परमाणु सहयोग पर भी चर्चा होगी।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि “गगनयान के बाबत दोनों सम्बंधित अन्तरिक्ष विभागों के बीच करीब सहयोग महत्वपूर्ण है। इसरो और रोस्कोस्मोस ने दोहराया है।” इस वर्ष के अंत में दोनों पक्ष आईआरआईजीसी-टीईसी की पूर्ण बैठक होगी। विदेश मंत्री ने रूस के उपप्रधानमन्त्री को मुलाकात के ल्लिये आमंत्रित किया था।