भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बीते अक्टूबर में आयोजित 19 वें वार्षिक द्विपक्षीय सम्मेलन में लिए गए निर्णयों को अमल में लाने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन हुआ था जिसमे इन निर्णयों की समीक्षा की गयी थी।
उच्च स्तरीय बैठक
Foreign Secretary visited Russia on 1-2 April for discussions on matters of mutual interest.
Press Release on the visit is available at ➡️https://t.co/thfyE3LoxF pic.twitter.com/31ZgJjthan— Arindam Bagchi (@MEAIndia) April 2, 2019
1-2 अप्रैल के बीच विदेश सचिव विजय गोखले रूस की आधिकारिक यात्रा के दौरान समीक्षा मीटिंग भी की गयी थी। विदेशी दफ्तर के विचार विमर्श के लिए वह रूस के उप विदेश मंत्री इगोर मोरगुलोव से मिले। उन्होंने आगामी उच्च स्तरीय मुलाकात की तैयारियों के बाबत चर्चा की। इसमें सितम्बर 2019 में व्लादिवोस्टोक में आयोजित ईस्टर्न इकनोमिक फोरम में भारत की भागीदारी भी शामिल है।
विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज़ जारी कर बताया कि “चर्चा के दौरान अगले द्विपक्षीय सम्मेलन की तैयरियों के बात बातचीत हुई, इसमें एससीओ, आरएसी और अन्य संस्था शामिल थी। अफगानिस्तान के हालात को लेकर व्यापक स्तर पर चर्चा हुई थी।
व्यापक स्तर पर हुई वार्ता
विदेश सचिव विजय गोखले ने रूस के विदेश मंत्री सेर्गेय रयबकोव से भी मुलाकात की थी और दोनों ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मसलों पर व्यापक बातचीत की थी। इसमें अप्रसार और निरस्त्रीकरण भी शामिल था। साथ ही भारत और रूस के बीच कई बहुपक्षीय स्तरों के सहयोग के बाबत बातचीत की थी।
विजय गोखले ने रूस के उप प्रधानमंत्री और रुसी फार ईस्ट फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट के प्रतिनिधि यूरी त्रुट्नेव से मुलाकात की थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि “विदेश सचिव की मुलाकात गहन और फलदायी थी। साथ ही भारत और रूस की विशिष्ट और विशेषाधिकार रणनीतिक साझेदारी की विशेषता पर चर्चा हुई थी। भारत और रूस की लम्बी और बुरे वक्त की दोस्ती से क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मसलों पर विचारी का समन्वय किया था।”