भारत (India), रूस (Russia) और चीन (China) जापान (Japan) के ओसाका में आयोजित जी 20 के सम्मेलन में त्रिपक्षीय मुलाकात करेंगे। इस बात का खुलासा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर बैठक के दौरान किया गया था।
पुतिन और मोदी की बैठक के बाबत मीडिया ब्रीफिंग में विजय गोखले ने कहा कि “रूस, भारत और चीन की ओसाका में जी 20 के इतर मुलाकात की योजना पूर्वनियोजित थी।” जी 20 की स्थापना के बाद से ही भारत उसकी बैठकों में सक्रिय से भागीदारी करता है, हालाँकि वह जी 20 के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से नहीं जुड़ा हुआ है।
यह बहुपक्षीय कारोबारी एजेंडा को सेट करता है। जी-20 के प्रतिनिधि में विश्व की दो-तिहाई जनसँख्या का प्रतिनिधित्व करते है और अर्थव्यवस्था का 85 फीसदी है। गोखले ने यह भी कहा कि “पीएम मोदी सितम्बर की शुरुआत में रूस की यात्रा पर भी जायेंगे जहां वह पूर्वी आर्थिक मंच के मुख्य अथिति होंगे जिन्हे रुसी राष्ट्रपति ने खुद आमंत्रित किया है।
गोखले ने कहा, “प्रधानमंत्री ने गर्मजोशी के साथ निमंत्रण को स्वीकार किया है। यह यह एक द्विपक्षीय दौरा होगा। प्रधानमंत्री सितंबर के प्रारंभ में व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकॉनॉमिक फोरम में बतौर मुख्य अतिथित शामिल होंगे और उसके बाद भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे।”
उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री ने महसूस किया कि यह सहयोग का एक नया क्षेत्र है, जिसे दोनों पक्षों द्वारा सक्रिय रूप से तलाशा जाना चाहिए। रूस ने एके-203 कलाश्निकोव राइफल्स के आर्डर के पहले बैच को सक्रीय कर दिया है। इस दौरान रक्षा सम्बंधित मामलो पर चर्चा का आयोजन होगा।”
विदेश सचिव ने कहा कि “प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को मेक इन इंडिया के तहत अमेठी में एके-203 कलाश्निकोव राइफल्स के उत्पादन करने के आग्रह पर प्रतिक्रिया दी। यह एक ऐसी प्रक्रिया की शुरुआत है जो करता और विक्रेता के संबंधों से काफी आगे चुके हैं जो भारत में तकनीक ट्रांसफर, मेक इन इंडिया, रोजगार सृजन और कंटेंट क्रिएशन है।
बीते वर्ष अक्टूबर में पुतिन और मोदी ने भारत में 200 सीरीज के एके-203 कलाश्निकोव राइफल्स के उत्पादन के समझौते पर हस्ताक्षार किये थे। 3 मार्च को पीएम ने अमेठी में इसकी यूनिट को स्थापित किया। एक क्षेत्र जिसे राष्ट्रपति पुतिन ने विशेष तौर पर रेखांकित किया था वह भारतीय रेलवे का आधुनिकरण है। वह नागपुर-सिकंदराबाद लाइन को अपग्रेड करने के लिए अध्यन्न रहे हैं और इस क्षेत्र में रूस को भी दिलचस्पी है।