भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरूवार को कहा कि भारत इतिहास में कभी आक्रमक नहीं रहा था लेकिन आत्मरक्षा के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करने से नहीं हिचकिचाएगा।
उन्होंने सियोल डिफेंस डायलॉग के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि “भारत ने इतिहास में कभी भी किसी देश पर हमला नहीं किया, लेकिन हम अपनी सुरक्षा में मजबूत कदम उठाने से नहीं हिचकेंगे। हमारा मकसद देश की सुरक्षा को हर हाल में मजबूत करना है। भारत की रक्षा कूटनीति इस रणनीति का मुख्य स्तंभ है।”
केन्द्रीय मंत्री बुधवार को दक्षिण कोरिया की यात्रा पंहुचे थे। इसका मकसद रक्षा और सुरक्षा संबंधो को मज़बूत करना है। उन्होंने कहा कि “रक्षा कूटनीति और मज़बूत रक्षा ताकत कायम रखना, एक ही सिक्के के दो पहलू है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की पड़ोसी पहले की नीति के तहत भारत के पड़ोसी देशों को तरजीह दी जा रही है। भारत इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन, बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टीसेक्टोरल टेक्नीकल इकोनॉमिक कोऑपरेशन में शामिल देशों के साथ सहयोग बढ़ा रहा है।”
उन्होंने इंडो पैसिफिक में खुले और समावेशी ढांचों के निर्माण के पांच मंत्रो को दिया है। उन्होंने कहा कि “अगर हम पांच सिद्धांतो म्मान, संवाद, शांति, सहयोग और समृद्धि के विचारों पर काम करें, तो हमारी सफलता सुनिश्चित है।”
उन्होंने कहा कि “हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जो देश आपसी सौहार्द से काम कर रहे है उन्हें हर मुल्क में जाने का अवसर मुहैया कराना चाहिए। साथ ही समुद्री और हवाई क्षेत्र में पहुंचने का समान अधिकार देना चाहिए। भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक खुले और समावेशी ढांचागत विकास की वकालत करता हैं।”
उन्होंने कहा कि “मैं कोरिया गणराज्य का मुझे सीओल डिफेन्स वार्ता में आमंत्रित करने का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ। यह एक प्रतिष्ठित बहुपक्षीय सुरक्षा वार्ता है। यह एक मंच है जहां आज विश्व द्वारा झेले जा रहे मुद्दों पर चर्चा करते हैं। दो दक्षिण एशियाई देश के लोगो के बीच पारिवारिक समबन्ध है। रानी हेयो ह्वांग-ओक अयोध्या से यात्रा कर गिम्हे के राजा सूरो से विवाह करने पहुंची थीं।”
दोनों नेताओं ने दक्षिण कोरिया की न्यू साउथर्न पालिसी और भारत की एक्ट ईस्ट पालिसी के एकसमान लक्ष्यों को साझा किया था। भारत दक्षिण कोरिया के साथ मज़बूत सैन्य हार्डवेयर सहयोग को विकसित कर रहा है। भारत की कंपनियां टर्बो और लार्सन के सहयोग से के-9 वाजरा का निर्माण किया जा रहा है।
पांच राष्ट्रों की यात्रा के दूसरे चरण में राजनाथ सिंह सीओल पंहुच गए हैं। इस यात्रा का उद्देश्य भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा सम्बंधो को मजबूत करना है। एक बिज़नेस टू गवर्मेन्ट के सीईओ के सम्मेलन का आयोजन होगा। इसमे दोनो पक्षो के रक्षा अधिकारी शामिल होंगे।