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    भारत चीन पाकिस्तान

    भारत ने कश्मीर विवाद को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद में चीन और पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई।

    मानवाधिकार फोरम की 39वीं संयुक्त बैठक में भारत ने बीजिंग और इस्लामाबाद को बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना के अन्तर्गत आने वाली चीन-पाक आर्थिक गलियारे को लेकर विरोध व्यक्त किया।

    साथ ही पाकिस्तान के गिलगिट-बाल्टिस्तान में निर्माणाधीन बाँध पर भी विरोध जताया। भारत के यूएनचआरसी प्रवक्ता ने कहा कि भारत ऐसी किसी परियोजना का समर्थन नही करेगा जिससे उसकी संप्रभुता और अखंडता पर आंच आए।

    उन्होंने कहा भारत पहले ही सीपीइसी पर अपने फैसले से अंतर्राष्ट्रीय फोरम को अवगत करा चुका हैं।

    क्यों कर रहा है भारत सीपीइसी का विरोध

    चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन जैसे विवादित क्षेत्र से होकर गुज़रता है।

    भारत शुरूआती दौर से ही इस परियोजना का विरोध कर रहा हैं चूँकि चीन की विस्तारवादी नीति के तहत इस योजना को अंजाम दिया जा रहा है जो हिंदुस्तान के लिए खतरे की घंटी हो सकता है।

    हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार चीन अपने पड़ोसी देशों को कर्ज के जाल में फसां रहा है जिसमें पाकिस्तान, मालदीव, म्यांमार, श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश सहित अन्य देश शामिल है यही नहीं चीन अफ्रीका में भी घुसपैठ बढ़ा रहा है।

    गिलगिट-बाल्टिस्तान बाँध से क्या है भारत को दिक्कत

    भारत ने फोरम में कहा कि यह बांध पाकिस्तान के तीन प्रांतों से होकर गुजरता है जो खैबर पख्तून्वा, सिंध और पाक अधिकृत कश्मीर है। भारतीय प्रवक्ता ने कहा की अगर इस बाँध का निर्माण होता है तो पाकिस्तान की वषों पुरानी सिन्धी सभ्यता पर संकट के बादल मंडराने लगेंगे।

    प्रवक्ता ने अंतर्राष्ट्रीय फोरम को अवगत कराया कि पाक के मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा मानवाधिकार संघठन को इस पर जल्द ही कोई कार्यवाही करनी चाहिए।

    क्या है संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद्

    यूएनचआरसी संयुक्त राष्ट्र का एक मुख्य अंग है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार की रक्षा करता है। इस फोरम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के 47 सदस्य हैं जो हर तीन वर्ष में चुने जाते हैं अलबत्ता अमेरिका ने इस मानवाधिकार संघठन से दूरी बना ली है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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