भारत और नाइजीरिया अगले तीन दशकों तीव्रता से बढ़ने वाले आबादी के देश हो जायेंगे। साल 2050 तक भारत की आब्दी 27.3 करोड़ और नाइजीरिया की 20 करोड़ हो जाएगी। विभिन्न पहलुओं में तीव्रता से वृद्धि हो रही है। यह साल 2019 की यूएन की विश्व जनसँख्या की रिपोर्ट है।
साल 2027 में विश्व की सबसे अधिक जनसँख्या वाले देशों की सूची में भारत चीन को पछाड़ देगा। वैश्विक जनसँख्या के दो अरब बढ़ने का अनुमान है, साल 2050 तक 7.7 अरब से 9.7 अरब तक पंहुच जाएगी। भारत की जनसँख्या बढती रहेंगी क्योंकि यहाँ युवा लोगो का एक बड़ा समुदाय है, जो अगले तीन दशकों में अपनी प्रजनन आयु में प्रवेश करेंगे।
नाइजीरिया की जनसँख्या में महिलाओं के अधिक बच्च्चों के कारण वृद्धि होगी। भारत का कुल प्रजनन दर 2.2 है, 24 राज्यों में देश की आधी जनसँख्या प्रतिस्थापन टीएफआर 2.1 या उससे कम है। जबकि नाइजीरिया में यह 5.4 है। सभी राज्यों में टीएफआर में तेजी से गिरावट आणि चाहती, प्रति महिला के दो या इससे कम जन्म देना चाहिए।
भारत, लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई और इलाको में प्रजनन दर में कमतरी आणि चाहिए। साल 2050 तक युवा जनसँख्या में वृद्धि का अनुमान है। नेशनल पापुलेशन पालिसी 2000 ने अनुमान लगाया कि टीएफआर 2.1 तक पंहुच जायेगा।
उत्तर प्रदेश और बिहार में टीएफआर सबसे अधिक प्राथमिकता पर है। भारतीय जनसँख्या परिषद् वरिष्ठ एसोसिएट राजीब आचार्य ने कहा कि “लोगो को गुणवत्ता सुविधाओं तक बेरोकटोक पंहुच मिलनी चाहिए और सामाजिक विकास समर्थन, पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता और संरचना, यह सुनिश्चित करने के लिए उनके पास औजार है और इच्छुक परिवार की संख्या के लिए जानकारी है।”
इस वर्ष स्वास्थ्य के लिए बजट 15 प्रतिशत बढाकर आवंटित किया गया है। साल 2018-2019 में 56045 करोड़ से बढ़कर साल 2019-20 में 64559 करोड़ कर दिया गया है। पिछले महीने के मुकाबले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का बजट आठ प्रतिशत बढ़ा दिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय अधिकारी ने बताया कि “स्वास्थ्य प्रणाली को मज़बूत करने के लाइट एनएचएम ने आवंटन में प्रमुख वृद्धि की है। इसमें बीते वर्ष करीब 12 प्रतिशत की वृद्धि की गयी थी।”