अमेरिकी राष्ट्रपति ने 6 दिसंबर के दिन यरूशलम को इजरायल की राजधानी घोषित करने का ऐलान किया था उसके बाद से ही दुनिया के कई देशों ने इसका विरोध करना शुरु कर दिया था। अमेरिका के दोस्त भारत ने भी अमेरिका के इस निर्णय का विरोध किया था। लेकिन भारत के वरिष्ठ बीजेपी नेता व सांसद सुब्रह्म्ण्यम् स्वामी ने अकेले भारत की तरफ से डोनाल्ड ट्रम्प के फैसले का समर्थन किया था।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत द्वारा अमेरिका व इजरायल के खिलाफ मतदान करने का विरोध सुब्रह्म्ण्यम् स्वामी ने किया था। स्वामी ने इसे भारत की सबसे बड़ी गलती बताया था। साथ ही अमेरिका का साथ देने को कहा था।
अब एक बार फिर से बीजेपी सांसद सुब्रह्म्ण्यम् स्वामी ने यरूशलम मुद्दे को लेकर बयान दिया है। मंगलवार को सुब्रह्म्ण्यम् स्वामी ने कहा कि“भारत को अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों को अधिक मजबूत करना चाहिए। स्वामी ने कहा कि अगर हम पाकिस्तान से निपटना चाहते है तो हमे अमेरिका व इजरायल का समर्थन करना पडेगा, भारत को इस बारे में स्पष्ट होना चाहिए। एक सद्भावना के रूप में भारतीय दूतावास को तेल अवीव से पश्चिमी यरूशलम में स्थानांतरित करना चाहिए।“
पाकिस्तान पर ट्रम्प के ट्वीट के बाद दिया बयान
सुब्रह्म्ण्यम् स्वामी का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान के ऊपर जमकर निशाना साधा है। ट्रम्प ने अपने ट्वीट में कहा था कि अमेरिका ने मूर्खता से पिछले 15 सालों में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर से ज्यादा सहायता दी है, जबकि इसके बदले में हमें पाकिस्तान से झूठ और धोखे ही मिले है।
ट्रम्प के इसी ट्वीट के बाद स्वामी ने कहा कि भारत को अमेरिका व इजरायल का साथ देना चाहिए। स्वामी शुरूआत से ही फिलीस्तीन का साथ देने से भारत को इंकार कर रहे है। स्वामी ने कहा था कि भारत को हर कदम में अमेरिका के फैसले का स्वागत करना चाहिए।