मालदीव में नई निर्वाचित सरकार के चयन के बाद भारत के माले के साथ संबंधों में पुराना जोश वापस आया है। अमेरिका ने भारत और मालदीव की दोस्ती की नई शुरुआत का स्वागत किया है। ट्रम्प प्रशासन ने कहा कि अमेरिका भारत के मालदीव के साथ दोबारा समबन्धों में सुधार करने का स्वागत करता है।
भारत-मालदीव रिश्तों पर ख़ुशी का किया इजहार
हाल ही में भारत ने मालदीव को 1.4 अरब डॉलर की आर्थिक मदद करने का ऐलान किया था। मालदीव अभी चीनी खर्ज के भार के तले दबा हुआ है। मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहीम सोलिह ने हाल ही में भारत की तीन दिवसीय यात्रा की थी। इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ने भारत को अपना करीबी दोस्त और महत्वपूर्व व्यापार साझेदार कहा था। दोनों देश ने होंड महासागर के इलाके में स्थिर रणनीति और एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति रहने पर रजामंदी जताई थी।
दक्षिण और मध्य एशिया के उप सचिव डेविड रंज ने कहा कि राष्ट्रपति इब्राहीम सोलिह की भारत यात्रा के बाद कई सकारात्मक घोषणाये की गयी है। डेविड रंज हाल ही में माले की यात्रा से वापस लौटे हैं। इस यात्रा का मकसद मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक में अमेरिका और मालदीव की साझेदारी का विस्तार करना था। अमेरिका का मालदीव में कोई दूतावास नहीं है, श्रीलंका का राजदूत माले की स्थितियों पर निगरानी रखता है।
इब्राहीम की जीत, लोकतंत्र की विजय
डेविड रंज ने कहा की राष्ट्रपति सोलिह का चयन और सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण एक बड़ा लोकतान्त्रिक दृश्य था। अमेरिका ने मालदीव को कर्ज वाले क्षेत्रों की समीक्षा और स्थिरता, नागरिक सामाजिक में सहयोग, पर्यावरणीय मदद के लिए प्रस्ताव भी दिया है। उन्होंने कहा कि मालदीव की सरकार अपने 100 दिनों की योजना में प्राथमिकताओ को जगह देगी।
मालदीव को आर्थिक मदद
डेविड रेंज ने कहा कि अमेरिका ने मालदीव को एक करोड़ डॉलर रकम की मदद का वादा भी किया है। उन्होंने कहा कि “हमें यकीन है कि यह मदद लोकतंत्र को मज़बूत बनाने और आर्थिक विकास का प्रसार करने में सहयोगी है, जो इंडो-पैसिफिक इलाके की प्राथमिकताओं में शुमार है।
ख़बरों के मुताबिक मालदीव पर चीन का कर्ज तीन अरब डॉलर है, मालदीव की इंडो-पैसिफिक में महत्वपूर्ण भू-रणनीतिक स्थिति है। मालदीव इस इलाके को समृद्ध, सुरक्षित, मज़बूत बनाने में अलहदा किरदार निभाएगा।