भारत मंडपम, नई दिल्ली में एक 27 फ़ीट ऊँची अष्टधातु नटराज प्रतिमा स्थापित की गई है। यह प्रतिमा सोना, चाँदी, ताँबा, टिन, सीसा, लोहा, पारा और जस्ता नामक आठ धातुओं से बनी है। यह दुनिया की सबसे ऊँची अष्टधातु प्रतिमा है।
An iconic 27 feet #Nataraja statue, crafted from Ashtadhatu, graces the Bharat Mandapam. Weighing 18 tons, it holds the distinction of being the tallest Ashtadhatu sculpture. #G20Summit2023 #CultureUnitesAll #G20India #G20Summit
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— Ministry of Culture (@MinOfCultureGoI) September 5, 2023
प्रतिमा को तमिलनाडु के स्वामीमलाई के प्रसिद्ध मूर्तिकार राधाकृष्णन स्टापति और उनकी टीम द्वारा बनाया गया था। इसे बनाने में उन्हें सात महीने का समय लगा। प्रतिमा को सितंबर 2023 में भारत मंडपम में स्थापित किया गया था। भारत मंडपम एक सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थल है और यह नई दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित है।
अष्टधातु नटराज प्रतिमा एक सुंदर और जटिल मूर्ति है जो मूर्तिकारों की कला और शिल्प कौशल को दर्शाती है। यह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक वस्तु भी है। यह प्रतिमा G20 शिखर सम्मेलन में उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध करने के लिए तैयार की गई है, जो संस्कृति मंत्रालय की IGNCA टीम द्वारा शुरू की गई एक परियोजना है।
नटराज एक हिंदू देवता शिव का एक रूप है। उन्हें नृत्य के देवता के रूप में जाना जाता है। नटराज इस बात का प्रतीक है कि कैसे सृष्टि, विनाश और पुनर्जन्म एक निरंतर चक्र में होते हैं। प्रतिमा में शिव को एक उग्र नर्तक के रूप में दिखाया गया है, जो अपने पैरों से अज्ञानता के राक्षस को कुचल रहा है। उसके हाथों में विभिन्न प्रतीक हैं जो उसके विभिन्न गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
अष्टधातु नटराज प्रतिमा एक अद्भुत कृति है जो भारतीय संस्कृति और धर्म की समृद्धि का प्रतीक है। यह प्रतिमा भारत और दुनिया भर के लोगों के लिए एक सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर है। यह एक अद्भुत कृति है जो भारतीय कला और शिल्प कौशल के समृद्ध इतिहास को दर्शाती है।
भारत मंडपम एक भव्य वास्तुशिल्प संरचना है जो भारतीय संस्कृति और विरासत को समर्पित है। मंडपम में एक बड़ा हॉल है जो सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रदर्शनियों के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें एक पुस्तकालय, एक कला दीर्घा और एक संग्रहालय भी है।