ओडिशा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ सफल साबित हुई। इसकी पुष्टी इस बात के की जा सकती है कि ‘भारत भ्रष्टाचार सर्वेक्षण 2019’ (India Corruption Survey 2019) में ओडिशा को भारत के सबसे कम भ्रष्ट राज्यों में स्थान दिया गया है।
सर्वेक्षण के अनुसार ओडिशा के साथ कम भ्रष्टाचार वाले अन्य राज्यों में राजधानी दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, केरल व गोवा शामिल हैं। इस सर्वेक्षण को ‘लोकल सर्किल’ नाम के सामुदायिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और गैर सरकारी संस्था, ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा किया गया।
इस सर्वेक्षण को लोगों के फीडबैक द्वारा घरेलू भ्रष्टाचार के स्तर का पता लगाने के लिए किया गया। सर्वेक्षण में खुलासा किया गया है कि राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड और पंजाब राज्यों में भ्रष्टाचार के अधिक मामले सामने आए हैं।
सर्वेक्षण में 1.9 लाख लोगों को शामिल किया गया था। जिसमें 36 प्रतिशत महिलाएं भी शामिल थीं। सर्वेक्षण को राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर सवालों की एक श्रंखला के जरिए किया गया। जिसमें राष्ट्रीय सर्वेक्षण में 1.2 लाख से अधिक प्रतिक्रियाएं और राज्य स्तर पर 70,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं।
सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल में भारत में रिश्वत की घटनाओं में 10 प्रतिशित की कमी दर्ज की गई है। इसके बावजूत भी करीब 51 प्रतिशत भारतीयों को पिछले वर्ष में रिश्वत देनी पड़ी है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी किए जाने वाले ‘करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2018’ की तुलना में भारत की रैंकिंग में तीन स्थानों का सुधार आया है। जिसके बाद भारत सूचकांक में शामिल 180 देशों की सूची में 78वें पायदान पर पहुंच चुका है।
सर्वेक्षण में बताया गया है कि सार्वजनिक सेवाओं में प्रणालियों की शुरूआत ने पासपोर्ट बनवाने, रेलवे टिकट जैसी केंद्रीकृत सेवाओं में भ्रष्टाचार को काफी हद तक कम कर दिया है। लेकिन राज्य व लोकल स्तर की अधिकतर सेवाओं में अभी भी भ्रष्टाचार ने जड़ों को मजबूत किया हुआ है।
बीजद प्रवक्ता ससमित पात्रा ने सर्वेक्षण की रिपोर्ट को सीएम नवीन पटनायक के शासन का प्रचार बताया है। उन्होंने कहा कि पिछले 19 वर्षों में सीएम पटनायक ने पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ काम किया है। जब भी कोई भ्रष्टाचार की घटना उजागर हुई है तो उन्होंने उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। इसलिए ओडिशा सर्वाधिक स्वच्छ और पारदर्शी राज्य है। जिसे एक नैतिक एवं ईमानदार सरकार द्वारा चलाया जा रहा है।
वहीं दूसरी तरफ राज्य के कांग्रेस प्रवक्ता सत्य प्रकाश नायक ने सर्वेक्षण रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा है कि, सर्वेक्षण सेकंडरी डाटा पर आधारित है और इसमें सैंपल साइज भी बहुत छोटा है। इसके परिणाम वेबसाइट पर लोगों द्वारा की गई शिकायतों के आाधार पर निकाले गए हैं।