Tue. Apr 30th, 2024
भारत और रूस द्वारा निर्मित सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस

भारत और रूस ने मिलकर सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस का निर्माण किया था। चीन ने शुक्रवार को चीनी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल एचडी-1 के जानकारी काखुलासा किया था। चीनी सैन्य विशेषज्ञ ने कहा कि इस मिसाइल में ब्रह्मोस से टकराने की काबिलियत है।

चीन के गुंदोंग प्रांत में एक खनन कंपनी ने इस सुपरसोनिक मिसाइल की तकनीक के बाबत जानकारी दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक चीनी मिसाइल 290 किलोमीटर दूर निशाने पर 2.2 से 3.5 मच की स्पीड से निशाना लगा सकती है। इस मिसाइल का भार 2200 किलोग्राम है और यह 15 किलोमीटर ऊँचा व 5 से 10 किलोमीटर नीचे उड़ सकती है।

कंपनी ने दावा किया कि इस मिसाइल को लांच में 5 मिनट का समय लगता है जबकि दूसरी मिसाइल को मात्र 10 सेकंड का समय लगता है। कंपनी ने कहा कि यह मिसाइल जमीन और समुद्री लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाती है। एक लॉच व्हीकल छह क्रूज मिसाइल को लोड कर सकता है। यह मिसाइल बटन दबाने से ही लांच हो जाएगी।

रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने एचडी-1 के साथ ही एचडी-1A की भी जानकारी दी थी। इन मिसाइल को लड़ाकू विमान और बोम्बेर्स से लांच किया जा सकता है। एचडी-1 को जहाज से भी लांच किया जा सकता है। ब्रह्मोस मिसाइल ध्वनि की गति से तीन गुना अधिक तेजी से लक्ष्य साध सकती है। ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है जिसे बढ़कर 400 किलोमीटर किया जा सकता है।

ब्रह्मोस एक मध्यम रेंज की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे जमीन, जल और आकाश से लांच किया जा सकता है। ब्रह्मोस का ब्रह्म भारत की नदी ब्रह्मपुत्र और मोस शब्द रूस की नदी मोस्कवा से लिया गया है। इसके निर्माण की शुरुआत साल 2006 में हुई था और अब दुनिया की सबसे शक्तिशाली मिसाइल भारतीय नौसेना, वायुसेना और थल सेना के समक्ष है। इसका वजन 2500 से 3000 किलोग्राम के बीच में है और इसकी लम्बाई 8.4 मीटर है।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *