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    पाकिस्तानी विदेश मंत्री के साथ प्रस्तावित वार्ता को रद्द किए जाने के बाद, भारत के इस निर्णय पर टिप्पणी करते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, “भारत के बातचीत से हटने के पीछे चुनाव एक अहम कारन हैं।”

    संयुक्तराष्ट्र आमसभा के 73 वे बैठक में हिस्सा लेने न्यूयॉर्क पहुंचे पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को  एशिया सोसाइटी द्वारा आयोजित बैठक में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। इस बैठक के दौरान भारत पाकिस्तान वार्ता से जुड़े सवाल का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा,

    “हम(पाकिस्तान) बातचीत से पीछे नहीं हटे हैं। लेकिन राजनीती, चुनाव और वे(भारत) चुनाव से डरते हैं। अगले साल भारत में होनेवाले चुनावों के मद्देनजर वहां की सरकार नहीं चाहती के पाकिस्तान के साथ बात हो, वे समझते हैं इसका चुनावी नतीजों पर असर हो सकता हैं।”

    सुषमा स्वराज से बैठक के विषय में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा “मैं उनके(सुषमा स्वराज) के चेहरे पर तनाव को साफ़ देख सकता था, और जब वे सार्क देशों बैठक को बीच में छोड़ चली गयी, उन्होंने मीडिया से भी बात नहीं की। इससे यह साबित होता हैं की उनपर (राजनितिक) दबाव जरुर हैं।”

    पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, अमेरिकन सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट माइक पोम्पेयो से मंगलवार को मुलाकात करेंगे। इस विषय पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा, “आज भारत, अमेरिका का रणनीतिक साझेदार हैं, इससे हमें कोई परेशानी नहीं हैं। लेकिन हमें ऐसा लगता हैं की, पाकिस्तान ऐसा देश हैं, जो अमेरिका के साथ हर परिस्थिति में खड़ा रहा। पाकिस्तान से अमेरिका को भी फायदा हुआ हैं।”

    “चाहे, शीत युद्ध हो, सोवियत यूनियन द्वारा अफगानिस्तान पर कब्ज़ा हो या फिर 9/11 का हमला हो ऐसे हर परिस्थिती में पाकिस्तान, अमेरिका के साथ रहा हैं। लेकिन अब हमें शैतान कहा जा रहा हैं।”

    भारत-पाकिस्तान के बीच रुकी हुई वार्ता को फिरसे शुरू कराने में अमेरिका के मध्यस्थता का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा, “अगर अमेरिका हमारी(पाकिस्तान) की मदत करना चाहता है, तो वो हमारे पूर्वी छोर पर बसे अपने रणनीतिक साझेदार(भारत) को समझाए, जिससे पारस्परिक हितों के विषयों पर चर्चा की जा सकें।” हालाँकि अमेरिकी सरकार की ओर से दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने से साफ़ इनकार किया हैं।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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