भारत ने बांग्लादेश को द्विपक्षीय व्यापार को प्रभावी बनाने के लिए कोलकाता और हदिया के बंदरगाह को निर्यात के लिए उपयोग करने का प्रस्ताव दिया था। बांग्लादेश इस प्रस्ताव की सावधानीपूर्वक जांच कर रहा है। बांग्लादेश ने भारत के ऑफर पर अभी रजामंदी नहीं दी है।
ख़बरों के मुताबिक बांग्लादेश की शिपिंग मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने इस प्रस्ताव की सावधानीपूर्वक समीक्षा का निर्णय लिया है। बांग्लादेश के चिट्टागोंग और मोंगला समुंद्री बंदरगाह विकसित हो रहे हैं।
शिपिंग सचिव ने कहा कि बांग्लादेश भारत के इस प्रस्ताव पर सरकारी और गैर सरकारी खाताधारकों के साथ सलाह मशविरा करके ही फैसला लेगा। उन्होंने कहा अगर स्टॉकहोल्डर इस प्रस्ताव पर सहमति देते हैं तो पर विमर्श किया जायेगा।
बहरहाल इस मसले पर शिपिंग समूह की बैठक 24-25 अक्टूबर के दौरान बातचीत की जाएगी। भारत ने कहा कि बांग्लदेशी कपडा निर्यातकों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। बंगलादेशी व्यापारी इस मार्ग के जरिये अमेरिकी और यूरोपीय बाज़ारों तक पहुंच जायेंगे।
पिछले माह बांग्लादेश की कैबिनेट बैठक में भारत संबंधी एक मसौदा पारित किया गया था। इस मसौदे के मुताबिक भारत को उत्तरपूर्वी राज्यों में उत्पाद पहुंचाने के लिए मोंगला और चिट्टागोंग बंदरगाहों का प्रयोग करने की अनुमति दे दी थी। बांग्लादेश ने भारत के साथ इस मसौदे पर हस्ताक्षर किये थे। अधिकारिक सूचना के मुताबिक नेपाल और भूटान यदि इस बंदरगाह का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इस समझौते में शामिल हो सकते हैं।
प्रधानमंती नरेन्द्र मोदी की जून 2015 में ढाका यात्रा के दौरान दो बंदरगाहों के उपयोग के मसौदे पर हस्ताक्षर किये थे। भारत और बांग्लादेश के मध्य व्यापार में पिछले चार सालों में 38 फीसदी की वृद्धि हुई है। साल 2017-18 में व्यापार में 24 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है जबकि दोनों राष्ट्रों के मध्य अप्रैल-जुलाई के बीच 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।