भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि दिन-रात टेस्ट मैच में गुलाबी गेंद से फील्डिंग करना चुनौतीपूर्ण काम है। भारतीय क्रिकेट टीम बांग्लादेश के साथ शुक्रवार से यहां ईडन गार्डन्स स्टेडियम में खेले जाने वाले पहले ऐतिहासिक दिन-रात टेस्ट मैच को जीतकर दो मैचों की टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप करने के इरादे से मैदान पर उतरेगी।
मैच की पूर्वसंध्या पर गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में जब कप्तान विराट कोहली से पूछा गया कि उन्होंने गुलाबी गेंद से अभ्यास के दौरान किन चुनौतियों का सामना किया, तो कोहली ने कहा, “हम बल्लेबाजी पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। एक बल्लेबाज के रूप में जब आप कई तरह की रंगीन गेंदों के साथ खेलते हैं तो आप कम गलती करने के बारे में सोचते हैं। हम अपनी तकनीक पर ध्यान दे रहे हैं। लेकिन फील्डिंग सेशन थोड़ा हैरानी भरा था।”
कोहली ने गुलाबी गेंद की तुलना हॉकी गेंद से करते हुए कहा, “पिंक बॉल काफी तेजी से फील्डर के हाथ में लगती है। यह बिल्कुल हॉकी के भारी बॉल की तरह है। या उन गेंदों की तरह है, जिससे बच्चे खेला करते हैं।”
उन्होंने साथ ही कहा कि इस बॉल से कैच पकड़ना भी मुश्किल होगा।
कप्तान ने कहा, “जब बॉल हवा में जाएगी तो इसकी गहराई का पता लगाना मुश्किल होगा। इसलिए उस दिन ऊंचे कैच पकड़ना मुश्किल होगा। लाल और सफेद गेंद में आपको पता होता है कि बॉल किस गति से नीचे आ रही है, जबकि गुलाबी गेंद के साथ इसका अंदाजा लगाना आसान नहीं होगा।”
उन्होंने कहा,”मुझे लगता है कि फील्डिंग काफी ज्यादा मुश्किल होगी। लोगों को हैरानी होगी कि इस बॉल से फील्डिंग करना काफी मुश्किल है।”