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    पाकिस्तान ने कहा है कि जब भी और जिस भी फोरम पर जरूरत पड़ेगी, भारत का बहिष्कार किया जाएगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में यह बात कही। हाल ही में तुर्की में हार्ट आफ एशिया कांफ्रेंस में भारतीय मंत्री वी.के.सिंह के संबोधन का पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ‘कश्मीर मुद्दे पर विरोध जताने के लिए’ बहिष्कार किया था। इससे पहले सितंबर में न्यूयार्क में दक्षेस देशों की मंत्रिस्तरीय बैठक में भी कुरैशी ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के संबोधन का बहिष्कार किया था।

    पाकिस्तानी प्रवक्ता ने अपने प्रधानमंत्री इमरान खान की तरह भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देते हुए भारतीय संसद से पारित नागरिकता संशोधन विधेयक की निंदा की।

    उन्होंने कहा, “यह विधेयक मानवाधिकार के खिलाफ है। इससे भारत में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है। यह हिंदू राष्ट्र की सोच को थोपने की साजिश है।”

    फैसल ने कश्मीर मामले में पाकिस्तान की पुरानी बातों को एक बार फिर दोहराया और वहां ‘लॉकडाउन और मानवाधिकार हनन’ का मुद्दा उठाया।

    प्रवक्ता ने अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए तालिबान और अमेरिका के बीच वार्ता फिर से शुरू होने का स्वागत किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ‘अफगान शांति प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने वालों पर नजर रखनी होगी।’

    फर्जी मुठभेड़ों के लिए कुख्यात पाकिस्तान के एक पूर्व पुलिस अधिकारी राव अनवर खान को अमेरिका द्वारा काली सूची में डाले जाने पर उन्होंने कहा कि अभी राव का मामला अदालत में विचाराधीन है। ऐसे में इस मुद्दे पर कुछ कहना सही नहीं होगा।

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