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    भारत ने 2020 का अपना वार्षिक बकाया समय से पहले चुका दिया, जिसके बाद वैश्विक संस्थान ने भारत का आभार जताया है।

    भारत द्वारा भुगतान भेजने पर महासचिव एंटोनियो गुटेरस के प्रवक्ता स्टेफन डुजारिक ने शुक्रवार को भारत का आभार जताया।

    इस साल 2.32 करोड़ डॉलर का पूरा बकाया भारत ने शुक्रवार को चुका दिया। भारत को यह भुगतान इस महीने के अंत तक करना था।

    भारत इस साल का भुगतान करने वाला चौथा देश है और अब तक सबसे ज्यादा योगदान दे चुका है।

    डुजारिक ने कहा कि बहुत कम देश जनवरी के अंत तक की समय सीमा तक अपना बकाया चुकाते हैं और कई देशों पर पिछले वर्ष का भी बकाया है।

    उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 47 देशों ने पिछले साल का बकाया नहीं चुकाया था, जिससे नकदी की कमी हो गई थी।

    गुटेरस ने इसे “लगभग एक दशक में यूएन के सामने सबसे बुरा नकदी संकट बताया।”

    यूएन की कई कई सेवाएं बड़ी मुश्किल से चल रही हैं और यहां तक कि सचिवालय से स्केलेटर भी हटाया जा रहा है।

    सेवाओं में कटौती के कारण यूएन गुरुवार को सुरक्षा परिषद चर्चा का पूरा विवरण नहीं दे सका।

    महासचिव ने पिछले महीने यूएन के वैश्विक संचालन के लिए इस साल तीन अरब डॉलर का बजट घोषित किया था, जो पिछले साल के 2.9 अरब डॉलर से कुछ ज्यादा था।

    इसके अलावा इसका वार्षिक बजट अब दो साल से बदलकर प्रतिवर्ष पेश किए जाने का फैसला किया गया है।

    संयुक्त राष्ट्र में एक अलग वित्तवर्ष में शांति अभियानों के लिए अलग से और व्यापक बजट है जो जुलाई से जून तक चलता है।

    वर्तमान साल में यह 6.5 अरब डॉलर का है।

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