Sun. Nov 24th, 2024

    केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ केंद्रीय श्रमिक संगठनों के राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान का मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मिला-जुला असर नजर आ रहा है। बैंक, बीमा सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हैं। दोनों ही राज्यों में रैलियां निकाली जा रही हैं और केंद्र सरकार की नीतियों को जनविरोधी बताई जा रही हैं। देशव्यापी इस हड़ताल में बैंक, बीमा, डाक घर, आयकर सहित कई केंद्रीय विभागों और औद्योगिक, निजी, ट्रांसपोर्ट क्षेत्रों के असंगठित मजदूर शामिल हैं।

    आंदोलनकारियों का आरोप है कि केंद्र सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है, पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं कर रही, वेतनमानों में सुधार नहीं किया जा रहा, बैंकों का विलय कर रोजगार के अवसर कम किए जा रहे हैं, उद्योगपतियों को दिए गए कर्ज की वसूली न करके उन्हें इससे मुक्त किया जा रहा है।

    मध्य प्रदेश में हड़ताल से लगभग पांच हजार बैंक शाखाओं के कामकाज प्रभावित हुए हैं। लेन-देन पूरी तरह बंद है, बैंक शाखाओं के बाहर ताले लटके हुए हैं। राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर, ग्वालियर सहित अन्य स्थानों पर रैलियां निकाली जा रही हैं। विरोध प्रदर्शन जारी है। इस हड़ताल का हालांकि परिवहन सेवा पर कोई असर नहीं है।

    इंदौर में बैंकों के कर्मचारियों-अधिकारियों ने सांठा बाजार स्थित बैंक ऑफ इंडिया के पास प्रदर्शन किया। इसके बाद रैली बजाजखाना चौक पहुंची, जहां सभा आयोजित की गई। इस दौरान उन्होंने केंद्र की नीतियों का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की।

    इस हड़ताल में मध्य प्रदेश के बिजली कर्मचारी भी शामिल हैं। मप्र विद्युत मंडल अभियंता संघ के संयोजक वी.के.एस. परिहार ने बताया कि बिजली कर्मचारी एक दिनी हड़ताल पर हैं, और जहां भी बिजली फाल्ट होगा, वह 24 घंटे बाद ही सुधारी जाएगी।

    इसी तरह छत्तीसगढ़ में भी हड़ताल का मिलाजुला असर है। बैंकों और खदानों के अलावा कारखानों में भी कामकाज प्रभावित है। रायपुर, बिलासपुर, बस्तर, चिरमिरी, रायगढ़ सहित अन्य स्थानों पर हड़ताल के चलते कामकाज प्रभावित हुआ है। रैलियां निकाली जा रही हैं और श्रमिक धरना दे रहे हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *