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    विभिन्न ट्रेड यूनियनों द्वारा केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बुधवार को आहूत भारत बंद से देशभर में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहीं। इस दौरान चेक क्लियरिंग तथा लेन-देन पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा। नकदी जमा करने, निकालने, चेक क्लियरिंग और अन्य सेवाएं दिनभर चलने वाली हड़ताल के दौरान प्रभावित रह सकती हैं।

    नेटबैंकिंग सेवाओं के हालांकि सबसे कम प्रभावित रहने की संभावना है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पहले ही एनईएफटी प्रक्रिया को 24 घंटे करने की सुविधा दे दी है और उसपर लगने वाला शुल्क भी हटा दिया है।

    कुछ स्थानों पर एटीएम सेवाएं भी प्रभावित रह सकती हैं।

    भारत के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने पहले कहा था कि उसे हड़ताल से अपनी सेवाओं से कम से कम प्रभाव पड़ने की उम्मीद थी, क्योंकि उसके सिर्फ कुछ कर्मी ही हड़ताली संघों के सदस्य हैं।

    बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) जैसे अन्य सरकारी बैंकों ने अपनी शाखाओं और कार्यालयों पर संचालन प्रभावित होने की चेतावनी दी है।

    10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने सोमवार को कहा था कि सरकार की ‘जन-विरोधी नीतियों’ के खिलाफ आठ जनवरी (आज) को देशव्यापी हड़ताल में लगभग 25 करोड़ लोग भाग लेंगे।

    ट्रेड यूनियनों- आईएनटीयूसी, एआईटीयूसी, एचएमएस, सीआईटीयू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एसईडब्ल्यूए, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी के साथ विभिन्न क्षेत्रीय संघों ने पिछले साल सितंबर में फैसला किया था कि वे सभी आठ जनवरी, 2020 को देशव्यापी हड़ताल में हिस्सा लेंगे।

    बैंक संघ सीआईटीयू के आवाह्न पर अन्य क्षेत्रों में अपने समकक्षों के समर्थन के लिए ही नहीं, बल्कि बैंकिंग सुधार और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के व्यापक विलय के खिलाफ भी इस हड़ताल में शामिल हुए हैं।

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