नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा कथित दमनकारी श्रम नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन द्वारा बुलाई गई दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का मंगलवार को कर्नाटक में मिला जुला असर देखने को मिला।
हालाँकि कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) की बसें राज्य के अधिकांश हिस्सों में सड़कों से दूर रहीं, जिससे दूर के की यात्रा करने वालों, निजी बसों, ऑटो, टैक्सी और मेट्रो सेवाओं की यात्रा करने वाले लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ा।
मैसूरु, मंगलुरु, हुबली-धारवाड़ में हड़ताल का मिला जुला असर देखने को मूल। कई जिलों में, स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश घोषित किया गया था, परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया था।
बेंगुलुरु में बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (BMTC) की बहुत ही कम बसें सड़कों पर दौड़ती देखी गईं। अधिकारियों ने कहा कि यात्रियों को हड़ताल के बारे में पहले से पता तह इसलिए उन्होंने अपनी यात्राएं स्थगित कर दी। उन्होंने बताया कि दो बीएमटीसी बसों पर बेंगलुरु के मल्लेश्वरम के पास अज्ञात लोगों ने पथराव किया।
भारत बंद के दौरान बंगाल में व्यापक असर देखने को मिला। कई जगह से हिंसा की खबर आई। मुंबई में बेस्ट बसों की हड़ताल के कारण सामान्य जनजीवन काफी प्रभावित हुआ। केरल में भी परिवहन सेवाएँ ठप होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पडा। बैंकिंग सेवाएँ और डाक सेवाएँ बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई। हालाँकि ऑनलाइन बैंकिंग सेवा के काम करते रहने से लोगों को बैंकों की हड़ताल से ज्यादा असर नहीं पडा और छोटे मोटे काम होते रहे।
जहाँ एक ओर व्यापारी, सरकार की “मजदूर विरोधी नीतियों” का विरोध कर रहे हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार नेताओं ने मंगलवार को श्रमिकों की सक्रिय भागीदारी के बारे में कहा कि सरकार की नीतियों के खिलाफ गुस्सा और आक्रोश है। इस हड़ताल को केंद्रीय कर्मचारियों, राज्य कर्मचारियों और बैंकों, बीमा, दूरसंचार और अन्य सेवा क्षेत्रों के कर्मचारियों के लगभग सभी प्रमुख स्वतंत्र संघों का समर्थन प्राप्त है। वहीँ भाजपा ने इस बंद को कुंठित विपक्ष द्वारा तर्कहीन बंद और राजनितिक रूप से प्रेरित बंद बताया।