ट्रेड यूनियनों व दूसरे संगठनों द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर बुधवार को बुलाए गए बंद का टेक सिटी पर बहुत कम असर दिखा। यहां जनजीवन सामान्य दिनों की तरह रहा। राज्य के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “शहर में बंद का कोई असर नहीं है, लेकिन बैंकिग कामकाज प्रभावित हैं, क्योंकि बैंक स्टाफ ट्रेड यूनियनों का समर्थन कर रहे हैं।”
हालांकि, केंद्र सरकार के श्रमिक विरोधी कानूनों और निजीकरण के प्रयासों के विरोध में हजारों लोगों ने कर्नाटक के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
प्रदर्शनकारी कई जगहों जैसे हसन, चामराजनगर, तुमकुरु, मैसुरू, बेंगलुरू और दूसरी जगहों पर ट्रेड यूनियनों के लाल झंडे को लिए दिखाई दिए।
बेंगलुरू के नीलमंगला व पीन्या इलाकों में भी विरोध प्रदर्शन देखा गया।
ट्रेड यूनियन 49 रक्षा उत्पादन इकाइयों के निगमीकरण व रेलवे के निजीकरण के खिलाफ हैं।
प्रदर्शनकारी न्यूनतम वेतन को 21,000 रुपये से 24,000 रुपये प्रति माह की सीमा के बीच बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी), सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीआईटीयू), इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस और लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) ने भारत बंद का आह्वान किया है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने भारत बंद के मद्देनजर खुफिया प्रमुख और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कमल पंत को कानून व व्यवस्था को बनाए रखने का निर्देश दिया।
पुलिस ने शहर भर में सुरक्षा को कड़ी कर दिया है, जिसमें 11 पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी), 23 सहायक पुलिस आयुक्तों (एसीपी), 111 निरीक्षकों, 316 उप निरीक्षकों, 476 सहायक उप निरीक्षकों व कर्नाटक स्टेट रिजर्व पुलिस के 82 प्लाटून के साथ 4,547 कांस्टेबलों को तैनात किया गया है।
बेंगलुरू सिटी की मेट्रो सेवा राष्ट्रव्यापी हड़ताल की वजह से प्रभावित नहीं है। बंद के मद्देनजर मेट्रो स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।