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    केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत 24 घंटे के भारत बंद के मद्देनजर बुधवार को पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारियों ने बसों को नुकसान पहुंचाया, महत्वपूर्ण सड़कों को अवरुद्ध किया, और रेल पटरियां बाधित की, जिसके कारण ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुईं। केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में और एनपीआर, सीएए और एनआरसी को खत्म करने की मांग को लेकर यह बंद आहूत किया गया है।

    कई दुकानों और व्यावसायिक केंद्र बंद रहे। सड़कों पर लोग, ऑटो रिक्शा और टैक्सी व एप-आधारित टैक्सी कम संख्या में नजर आए, हालांकि कोलकाता और अन्य जिलों में सुबह के समय सार्वजनिक और निजी बसें सामान्य रूप से संचालित होती रहीं।

    कम लोगों के चलते कोलकाता और हावड़ा के बीच हुगली नदी पर फेरी सर्विस में बड़े पैमाने पर कमी देखी गई, जबकि कई निजी स्कूलों ने परेशानी की आशंका के मद्देनजर छुट्टी की घोषणा कर दी। जादवपुर और प्रेसिडेंसी सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों ने कक्षाएं नहीं होने दी।

    प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सार्वभौमिकरण के माध्यम से मूल्य-वृद्धि नियंत्रण के लिए तत्काल उपाय करने, बेरोजगारी दूर करने, सभी बुनियादी श्रम कानूनों के सख्त प्रवर्तन, केंद्र/राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में विनिवेश को रोकने, रेलवे, बीमा और रक्षा में एफडीआई रोकने सहित मांगों के 12-सूत्री मांगों पर प्रकाश डाला।

    ट्रेड यूनियनों ने भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक/ अध्यादेश को वापस लेने की भी मांग की है।

    हड़ताली यूनियनों ने बैंक शाखाओं के सामने धरना दिया।

    कांग्रेस, माकपा और अन्य वामपंथी दलों के कोलकाता में रैलियां और जुलुस निकालने से महत्वपूर्ण सड़कों पर यातायात की आवाजाही प्रभावित हुई।

    मालदा जिले के राथबरी और कूच बिहार के तूफानगंज में सराकारी बसों को नुकसान पहुंचाए जाने की खबर हैं, जहां प्रदर्शनकारियों ने यात्रियों को उतरने के लिए मजबूर किया, जबकि उत्तर 24 परगना जिले के अगरपारा और मध्यमग्राम में वामपंथी और तृणमूल समर्थकों के बीच झड़प हुई।

    पूर्वी रेलवे के सियालदह-बारासात खंड पर हृदयपुर स्टेशन के पास प्रदर्शनकारियों द्वारा बाधित एक ट्रेन के नीचे से बारासात रेलवे स्टेशन पर बम पाया गया। जीआरपी के जवानों ने बम को निष्क्रिय किया।

    रिषड़ा, कोननगर, श्यामनगर, चंपाहाटी, मथुरापुर, डायमंड हार्बर और जादवपुर सहित कई स्टेशनों पर ट्रेनों की आवाजाही बाधित किए जाने की खबरें हैं। दम दम स्टेशन पर, प्रदर्शनकारियों ने कुछ समय के लिए टिकट काउंटर को जबरन बंद कर दिया।

    केंद्रीय ट्रेड यूनियनों इंटक, एआईटीयूसी, एचएमएस, सीआईटीयू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एसआईडब्ल्यूए, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी के साथ-साथ स्थानीय क्षेत्रीय स्वतंत्र संघ और एसोसिएशन भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भाग ले रहे हैं, जिन्हें 60 छात्र संगठनों का समर्थन मिला है, जबकि 175 किसान और कृषि मजदूर संघों ने अपनी विशिष्ट मांगों के समर्थन में भारत बंद का आह्वान किया है।

    प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि 25 करोड़ लोग देशव्यापी हड़ताल में भाग लेंगे।

    पश्चिम बंगाल में, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार ने मुद्दों का समर्थन करते हुए भी भारत बंद का विरोध किया है। राज्य सरकार एक ज्ञापन के साथ भी आई है जिसमें अपने सभी कर्मचारियों को ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करने के लिए कहा है, और 7-9 जनवरी के बीच कोई आकस्मिक छुट्टी नहीं दी जाएगी।

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