भारत बंद का दूसरा दिन भी बेहद हिंसक रहा। पश्चिम बंगाल और केरल समेत बाकि कुछ राज्यों में बुधवार वाले दिन बहुत हंगामा देखा गया। ट्रेड यूनियन द्वारा की गयी इस हड़ताल में बैंकिंग और बीमा सेवाओं के काम में भी बाधा देखने को मिली।
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा कथित दमनकारी श्रम नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन द्वारा बुलाई गई दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का असर कई राज्यों में देखने के लिए मिला जहाँ रह रहे लोगों की रोजाना की ज़िन्दगी बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई।
पश्चिम बंगाल
बुधवार वाले दिन, राज्य के कई हिस्सों से हिंसा की भयावह घटनाएं सुनने को मिली। हावड़ा जिला में स्कूल बसों पर पत्थर बरसाए गए। ऐसी पथराव की घटना राज्य के अन्य हिस्सों में भी देखने के लिए मिली।
केरल
हड़ताल के दूसरे दिन, तिरुवनंतपुरम में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया नाम की बैंक शाखा पर हमला किया गया और राज्य के बाकी हिस्सों में ट्रेनों को रोक दिया गया। तिरुवनंतपुरम रेलवे स्टेशन पर, तिरुवनंतपुरम-हैदराबाद सबरी एक्सप्रेस और वेनाद एक्सप्रेस को रोक दिया गया, जबकि कालामस्सेरी में कोट्टायम-नीलाम्बूर पैसेंजर ट्रेन को थोड़ी देर के लिए रोक दिया गया। केरल में कई स्थानों पर, दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे, और राज्य में बसें और ऑटो-रिक्शा भी बंद रहे।
मुंबई
मुंबई में यात्रियों को हड़ताल के चलते भारी समस्या का सामना करना पड़ा। शहर की सड़को पर गिनती की केवल पांच बसे ही चल रही थी। मंगलवार वाले दिन, शहर के नागरिक परिवहन उपक्रम-BEST के तकरीबन 32,000 कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों के चलते हड़ताल शुरू कर दी।
कर्नाटक
बेंगलुरु में यात्रियों को गंभीर असुविधा पहुंचाते हुए प्रदर्शनकारियों ने सभी बस सेवाओं को बाधित कर दिया। कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम की बसे भी सड़को पर नहीं चली क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने सारे वाहनों को नष्ट कर दिया था।
ओडिशा
भुवनेश्वर, बालासोर और बहरामपुर समेत कई जगहों पर ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ताओं ने ट्रेन सेवाओं पर हमला बोल दिया था। प्रदर्शनकारियों द्वारा रेल की पटरियों को रोकने के कारण कई ट्रेन देरी से पहुँची जिससे काफी यात्रियों को कई जगहों पर फंसना पड़ा।
कई राज्यों ने आवश्यक सेवा रखरखाव कानूनों को लागू किया, जबकि केंद्र ने मंगलवार को हलचल से बचने के लिए कड़ी चेतावनी जारी की थी। बैंकिंग सेवाओं को आंशिक रूप से दूसरे दिन भी प्रभावित किया गया था, क्योंकि पीएसयू बैंक कर्मचारियों का एक वर्ग हड़ताल के आह्वान के समर्थन में आया था। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) और बैंक कर्मचारी महासंघ (BEFI) ने हड़ताल का समर्थन किया है जिसके कारण बैंकिंग ऑपरेशन पर प्रभाव पड़ा।