भारत और फ्रांस ने गुरूवार को भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संघठन और पेरिस स्थित नेशनल सेंटर ऑफ़ स्पेस स्टडीज की तरफ से समझौते पर हस्ताक्षर किये थे ताकि जॉइंट मेरीटाइम डोमेन अवैर्नेस मिशन का गठन का किया जा सके और समुद्र से जुड़े खतरों को पहचानकर और खत्म किया जा सके।
गुरूवार को सुबह पीएम मोदी फ्रांस पहुचे थे और उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रॉन के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी और संयुक्त हितो के कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की गयी थी। दोनों ने बैठक के दौरान इंडो पैसिफिक में नौचालन की आज़ादी के मतभेद को समाप्त करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि “इंडो पैसिफिक में नौचालन की आज़ादी को बरक़रार रखने की साझा प्रतिबद्धता पर आधारित है। फ्रांस और भारत के बीच समुंद्री सुरक्षा सहयोग हमारी रणनीतिक साझेदारी में महत्वपूर्ण है।” इन समझौते पर कौशल विकास और उद्यम मंत्रालय और भारत सरकार, राष्ट्रीय शिस्खा और युवा मंत्रालय, कौशल विकास सहयोग में फ्रांस की सरकार के बीच हुआ था।
साथ ही नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोलर एनर्जी, न्यू एंड रिन्यूएबल मिनिस्ट्री, भारत सरकार और फ्रांस की उर्जा और परमाणु उर्जा समिति ने भी समझौते पर दस्तखत किये हैं। प्रधानमन्त्री शुक्रवार को फ्रांस के प्रधानमन्त्री एदौअर्द फिल्लिपे के साथ मुलाकात करेंगे।
25-26 अगस्त को प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के आमंत्रण पर जी-7 के सम्मेलन में शामिल होंगे और वह जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण, समुन्द्र और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के स्तर में शामिल होंगे।