भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार नये आयामों व बुलंदियों को छू रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत अगले साल 2018 में ब्रिटेन और फ्रांस को पछाड़कर दुनिया के पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की तैयारी कर रहा है।
सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) परामर्श की 2018 विश्व इकोनॉमिक लीग टेबल ने मंगलवार को वैश्विक अर्थव्यवस्था के उत्साहजनक दृष्टिकोण को प्रदर्शित किया। इसमें दिखाया गया कि ऊर्जा सस्ती व प्रौद्योगिकी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
भारत की अर्थव्यवस्था भी बढ़ रही है। माना जा रहा है कि अगले 15 सालों में एशियाई देशों की अर्थव्यवस्था शीर्ष 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर हावी हो जाएगी।
सीईबीआर के डिप्टी चेयरमैन डोगलस मैकविलियम ने कहा कि वर्तमान में अस्थायी असफलताओं के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था फ्रांस व ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था के बराबर टक्कर दे रही है।
अगर भारत की अर्थव्यवस्था इसी क्रम में बढ़ती रही तो भारत अगले साल 2018 में फ्रांस व ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ देगा। इतना हीं नहीं अगले साल भारत दोनों देशों को पछाड़कर दुनिया की शीर्ष पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। हालांकि मैकविलियम ने माना है कि भारत का विकास नोटबंदी और जीएसटी की वजह से धीमा हो गया है।
साल 2032 तक चीन पहले तो रूस 17वें स्थान पर होगा
सीईबीआर के मुताबिक साल 2032 में अमेरिका को पछाड़कर चीन दुनिया की नंबर 1 अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसके पीछे कारण बताया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का असर व्यापारिक क्षेत्रों में अपेक्षा से कम नजर आ रहा है।
वहीं ब्रिटेन अगले दो सालों में फ्रांस से पीछे रह जाएगा। इसके अलावा सीईबीआर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में ब्रेक्सिट का प्रभाव उसके डर की अपेक्षा कम असरदार होगा। जिससे संभावना है कि साल 2020 में ब्रिटेन फिर से फ्रांस को पछाड़कर आगे निकल जाएगा।
रूस की अर्थव्यवस्था के बारे में बताया कि वर्तमान में रूस 11 वें स्थान पर आता है लेकिन साल 2032 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में 17 वें स्थान पर आ जाएगा।
एशियाई अर्थव्यवस्था बढ़ रही है तो यूरोपीय गिर रही है
सीईआरबी ने शोध के अनुसार बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था तीसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ी है। जबकि दूसरी तिमाही में ये दर 5.7 प्रतिशत थी।
साल 2032 तक दुनिया की 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से पांच एशियाई देशों की अर्थव्यवस्था शामिल होगी। वहीं यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था नीचे गिर रही है। फिलहाल तो अमेरिका शीर्ष पर है ।
अनुमान के मुताबिक साल 2032 तक दुनिया की चार सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से तीन एशियाई देश होंगे जिसमें भारत चीन और जापान में शामिल हो सकते है।
साल 2032 तक शीर्ष-25 अर्थव्यवस्थाओं में पाकिस्तान को सकता है शामिल
जबकि कोरिया व इंडोनेशिया भी दुनिया के शीर्ष-10 देशों की सूची में शामिल हो जाएंगे। वहीं ताइवान, थाईलैंड, फिलीपींस और पाकिस्तान जैसे देश उस समय शीर्ष-25 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो सकते है।
साल 2016 में विश्व बैंक के आंकडों के मुताबिक भारतीय जीडीपी, डॉलर के मुकाबले 2.26 खरब डॉलर थी जो कि दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है।
वहीं ब्रिटेन की जीडीपी 2.65 खरब डॉलर और फ्रांस की 2.47 खरब डॉलर है। लेकिन अगले साल भारत इन दोनों देशों को पीछे छोड़ देगा।