भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण बीते सप्ताह फ्रांस दौरे पर थी। इस यात्रा के दौरान फ्रांस और भारत की रक्षा मंत्री रणनीतिक साझेदारी के बाबत बातचीत की थी।
भारत और फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय त्रिस्तरीय सैन्याभ्यास के बाबत बातचीत कर रहे हैं। यह सहयोग संचालन और सैन्यतंत्र के क्षेत्र में विस्तार के भी मार्ग खोलेगी।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक भारत फ्रांस के साथ द्विपक्षीय त्रिस्तरीय सैन्याभ्यास के लिए राजी है। इस कार्यक्रम पर कार्य किया जा रहा है और आगामी वर्ष इसका आयोजन होगा।
भारत का यह तीसरा साझा सैन्याभ्यास होगा। भारत ने बीते वर्ष अक्टूबर में रूस के साथ त्रिस्तरीय सैन्याभ्यास का आयोजन किया था और अमेरिका के साथ अगले वर्ष आयोजित होगा।
भारत और फ्रांस के अभी थल, जल और वायु सेना में क्रमशः शक्ति, वरुण और गरुड़ द्विपक्षीय साझा अभ्यास कर रहे हैं। इस समझौते के तहत भारत समस्त विश्व में फ्रांस के सभी सैन्य बेस पर प्रवेश कर सकता है। नई दिल्ली को फ़िलहाल हिंद महासागर के तीन फ्रांसीसी सैन्य बेस रीयूनियन द्वीप, दजिबौती और अबू धाबी में खासी दिलचस्पी है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक भारतीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और फ्रांसीसी समकक्षी फ्लोरेंस पार्लय ने इस अभ्यास के संचालन और इसे संभव करने के बाबत बातचीत कर ली है। समझौते पर हस्ताक्षर किये जा चुके हैं और अब इसे अमल में लाने के लिए इसका विश्लेषण बाकी है।
हिन्द महासागर में फ्रांस के तीन सैन्य ठिकानो को भारतीय जलसेना और वायुसेना को इस क्षेत्र में निगरानी और रखवाली के लिए दिया जायेगा। यह समझौता चीन के इस क्षेत्र में बढ़ते प्रभाव की काट होगा।