बांग्लादेश की प्रधानमन्त्री शेख हसीना ने प्याज को निर्यात करने पर भारत सरकार के प्रतिबंधो के मामले को उठाया है। उन्होंने कहा कि “प्याज के निर्यात पर पाबन्दी से उनके देश में समस्या उत्पन्न हो गयी है और किचन में खाना बनाते हुए प्याज का इस्तेमाल न करने के लिए मैंने रसोइयाँ को कह दिया है।”
हैसना ने भारत-बांग्लादेश कारोबारी मंच को हिंदी में संबोधित करते हुए कहा कि “प्याज़ से हमारे लिए थोडा परेशानी हो गयी है। मुझे नहीं मालूम की आपने प्याज़ का निर्यात क्यों बंद कर दिया? थोडा अगर अप जहमत उठाकर नोटिस दे देते तो दूसरी जगह से मंगवा सकते थे। मैंने रसोइयाँ को बोल दिया है कि अब से खाने में प्याज़ डालना बंद कर दो। आगे से अगर कुछ भी इस तरीके का करना है तो हेम थोडा पहले इत्तेलाह कर देना।”
शेख हैसना ने इस पूरे बयान को हिंदी में दिया है। समस्त देश में प्याज की कीमतों में काफी उछाल आया है। केंद्री वाणिज्य और उद्योग मन्त्री ने 29 सितम्बर को ओयाज़ के मुक्त निर्यात निति में संशोधन कर बंद कर दिया था। इसके बाद सभी प्रकार के प्याजो के निर्यात को तत्काल प्रभाव के सतह रोक दिया गया था।
बाजार में प्याज की कीमतों में इजाफा देखकर रिटेल व्यापारियों के लिए स्टॉक की सीमा 100 क्विंटल तय कर दी गयी है जबकि होलसेल कारोबारियों के लिए इसकी सीमा 500 क्विंटल तय की गयी है।
केंद्र ने राज्य सरकारों से सख्ती से स्टॉक लिमिट को लागू करने के आदेश दिए है। इया कदम का मकसद विदेशो में ओयाज के निर्यात को रोककर घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों को स्थिर करना है। भारतीय आर्थिक सम्मेलन में शामिल होने के लिए हसीना नई दिल्ली में हैं और शनिवार को द्विपक्षीय वार्ता के लिए पीएम मोदी से मुलाकात करेंगी।