पाकिस्तान की संघीय कैबिनेट ने भारत से केवल एक बार के लिए पोलियो मार्कर के आयात की अनुमति दी है। साथ ही 89 जरूरी दवाओं के दाम में पंद्रह फीसदी कटौती करने का फैसला किया है। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
यह मार्कर पोलियो की दवा पिलाने के बाद बच्चों की उंगलियों पर स्याही से निशान बनाने के काम आते हैं। इससे साफ हो जाता है कि अमुक बच्चे को दवा पिलाई जा चुकी है। यह मार्कर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अनुमोदित हैं।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य के दर्जे को पांच अगस्त को भारत सरकार द्वारा वापस लेने के बाद पाकिस्तान ने भारत से कारोबार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन, पाकिस्तान का यह कदम उसके ही गले की फांस बन गया।
जीवनरक्षक दवाओं समेत विभिन्न दवाओं और कच्चे माल का आयात भारत से ही किया जाता रहा है, ऐसे में प्रतिबंध ने भारी दिक्कतें पैदा कर दीं। पाकिस्तान के दवा उद्योग ने इन प्रतिबंधों को तत्काल हटाने की मांग की और कहा कि ऐसा नहीं होने पर पाकिस्तान में दवाओं की बेहद कमी हो जाएगी। इसके बाद सरकार ने सितंबर में दवाओं और इन्हें बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर लगी रोक को हटा लिया।
इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर फॉर पोलियो के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. राणा सफदर ने ‘डॉन’ से कहा कि बच्चों की उंगलियों पर निशान लगाने के लिए गैर विषाक्त मार्कर की जरूरत होती है क्योंकि बच्चे उंगली मुंह में भी डाल सकते हैं। डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित ऐसे गैर विषाक्त मार्कर केवल भारत और चीन में बनते हैं।
हालांकि डब्ल्यूएचओ ने इससे पहले इन्हें हमारे लिए चीन से खरीदा था लेकिन उनकी गुणवत्ता पर सवाल उठे थे। हमने शिकायत दर्ज कराई थी कि जब तक मॉनिटरिंग टीम बच्चों तक पहुंचती थी, स्याही का रंग उड़ चुका होता था।
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने इन्हें भारत से खरीदना शुरू किया था। आठ लाख मार्कर का ऑर्डर दिया गया था। लेकिन, कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान सरकार द्वारा भारत से कारोबार पर प्रतिबंध के कारण इनकी आपूर्ति नहीं हो सकी।
अब कैबिनेट ने प्रतिबंध पर से एक बार के लिए रोक हटाने का फैसला किया है तो अब हम इन्हें हासिल कर लेंगे। चीनी उत्पादक से भी गुणवत्तापूर्ण मार्कर उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।