युके स्थित संस्था रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टिट्यूट ने भारत पाकिस्तान के रिश्तों पर एक अहम रिपोर्ट जारी की हैं। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान सेनाप्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने माना हैं, की दोनों पड़ोसियों के बीच रिश्ते सुधारने के लिए भारत का सहयोग जरुरी है।
जनरल कमर जावेद बाजवा के पाक सेना प्रमुख बनने के बाद, पाक सेना के भारत के प्रति रवय्ये में बदलाव देखा गया हैं। पूर्व सेना प्रमुख राहिल शरीफ के काल में शुरू की गयी भारतीय सेना के साथ डीजीएमओ स्तरीय बातचीत को जनरल बाजवा के दौर में गति मिली हैं।
इस साल मार्च में पाकिस्तान डे की मिलिटरी परेड का निरक्षण करने के लिए सेनाप्रमुख बाजवा ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चयोग में कार्यरत भारतीय सेना अधिकारी संजय विश्वासराव और उनके सहकारियों को आमंत्रित किया था।
आपको बतादे, पाकिस्तान डे की मिलिटरी परेड में भाषण देते हुए पाकिस्तानी राष्ट्रपति मंमून हुसैन ने (जम्मू और) कश्मीर को भारत का कब्जा बताया था। कई लोग पाक सेना द्वारा पाकिस्तान डे के आमंत्रण को पाकिस्तानी सेना की काबिलयत भारतीय सैन्य अफसरों दिखाने का मौका मानते है।
भारतीय और पाकिस्तानी सेनाए स्वतंत्रता के बाद पहली बार सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेंगी। सितंबर में रशिया के उरल पर्वतों में होने वाले इस सैन्य अभ्यास में भारत, पाकिस्तान, चीन समेत शंघाई सहयोग संघटन के सभी सदस्य देशों की सेनाए हिस्सा लेंगी।
इस सैन्य अभ्यास का मुख्य हेतु आतंकवाद से निपटने के लिए सदस्य देशों की कटिबद्धता का प्रदर्शन करना यह हैं। शंघाई सहयोग संघटन के सदस्य देशों का यह युद्ध अभ्यास को, अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो के समकक्ष बताया जा रहा हैं।
डीजीएमओ स्तर की बातचीत की पहल करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल आमिर रियाज ने भारत के साथ उच्च स्तरीय मुलाकात में पाक सेना की ओर से हिस्सा लिया था। पाकिस्तान की इंटर सर्विस इंटेलिजेंस के डायरेक्टर जनरल, मेजर अहमद हयात ने भारत के साथ रिश्तों को सुधारने के लिए, पाकिस्तान जो कदम उठाने जरुरी हैं उनके बारेमें 2013 में “इंडिया प्लान” के नाम से किताब लिखी।
देश(पाकिस्तान) में स्थिरता और शांति के लिए पड़ोसियों से रिश्ते सुधारने के बजाय कोई दूसरा रास्ता होने की बात अपनी किताब ‘इंडिया प्लान’ में कही हैं।
अपने यू।के के दौरे में रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टिट्यूट को संबोधित करते हुए जनरल बाजवा ने कहा चीन की मदत से बन रहे चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे से पाक सेना की स्थिति में सुधार हुआ हैं। जनरल बाजवा ने सीपीईसी में भागीदार बनने के लिए भारत को आमंत्रित किया।
परमाणु शक्तियों से लैस पड़ोसियों में संबंध सुधारने की कोशिश, 1980 में ज़िया-उल हक़ और भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के बीच हो चुकी हैं।
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान कश्मीर समस्या का समाधान निकालने के लिए परवेज मुशर्रफ और वाजपेयी जी के बीच आगरा में शिखर सम्मलेन का आयोजन किया गया था।
पिछले कुछ दिनों से भारत पाकिस्तान के रिश्ते कुछ ज्यादा अच्छे नहीं हैं। उरी हमला, लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर होती गोलीबारी, पाकिस्तान के ओर से अलगाववादीयों को सहायता और आर्थिक मदत का दिए जाना, पाकिस्तान में 26/11 के मुख्य आरोपी हाफिज सईद आजादी से रहना यह कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनके रहते पाकिस्तान के शांति वार्ता का सफल होना मुश्किल हैं।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में चीन के मदत से बन रहे चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का भारत कई अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर कदा विरोध कर चूका है, ऐसेमें पाक सेना प्रमुख का सीपीईसी में जुड़ने का न्योता देना, यह इस विषय को नया आयाम देता हैं।
आपको बतादे, रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टिट्यूट एक रक्षा मामलों पर रिसर्च करने वाला थिंक टैंक हैं। जो विश के सभी पड़ोसी देशों का, उनके सैन्य विवादों का अध्ययन करता हैं। रिपोर्ट में दिए गए तथ्यों से भारतीय सेना और रक्षा मंत्रालय के उच्च अधिकारी कितने सहमत होते हैं, यह तो समय ही बताएगा।