भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बावजूद दोनों पड़ोसी मुल्को ने सार्क परिषद् की मंत्रियों की बैठक में शामिल होने पर सहमति जाहिर की है। अगले महीने न्यूयोर्क में यूएन महासभा के इतर विदेश मंत्रियों की बैठक होगी। भारत ने जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटा दिया था।
भारत के इस कदम से पाकिस्तान की सरकार बेहद उदास है और इस मामले पर उन्होंने खुद को वैश्विक स्तर पर अलग थलग पाया है। दोनों देशो की इस बैठक में भागीदारी की अध्यक्षता नेपाल करेगा और इससे कुछ सकारात्मक परिणाम निकल सकते हैं।
भारत और पाकिस्तान ने विदेश मंत्रालय के अधिकारीयों को पहले ही भेज दिया है और साउथ एशियाई एसोसिएशन ऑफ़ रीजनल कोऑपरेशन सेक्रेटेरिएट के अधिकारीयों को भेज दिया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर सार्क परिषद् के मंत्रियों की बैठक हुई थी। इस बार अफवाहे थी कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण इसका आयोजन नहीं होगा।
साल 2014 में काठमांडू में 18 वें सार्क शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ था और साल 2016 में पाकिस्तान को इसकी मेजबानी करनी थी। भारत ने पाकिस्तान में आयोजित बैठक में ह्समिल न होने का निर्णय लिया था क्योंकि उरी हमला हुआ था। इसमें 19 लोगो की मौत हुई थी।
इसमें बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान भी शामिल है और भारत द्वारा सम्मेलन में शामिल न होने नें पाक पर कूटनीतिक दबाव को बढ़ा दिया था। सार्क के पूर्व महासचिव अर्जुन बहादुर थापा ने कहा कि यह एक अनौपचारिक बैठक थी और कोई व्यवस्थित एजेंडा पर वार्ता नहीं होगी।